जैसलमेर

आंखों में पानी नहीं आए, बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाए : प्रतापपुरी

पोकरण क्षेत्रीय विधायक महंत प्रतापपुरी ने कहा कि जल ही जीवन है और जल है तो ही कल है। उन्होंने कहा कि पानी के कारण आंखों में पानी नहीं आए और बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाए, यह महत्वपूर्ण है।

जैसलमेरAug 02, 2024 / 07:53 pm

Deepak Vyas

पोकरण क्षेत्रीय विधायक महंत प्रतापपुरी ने कहा कि जल ही जीवन है और जल है तो ही कल है। उन्होंने कहा कि पानी के कारण आंखों में पानी नहीं आए और बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाए, यह महत्वपूर्ण है। बारिश का पानी ही जीवन का आधार बनेगा। क्षेत्रीय विधायक महंत प्रतापपुरी ने राजस्थान विधानसभा में राज्य में पेयजल की स्थिति विषय पर हुई चर्चा में अपने विचार रखते हुए कहा कि पारंपरिक पेयजल स्त्रोतों के लिए विशेष योजना बनाकर उन्हें संरक्षित व सुरक्षित करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि शहरों की तुलना में गांवों में पानी की मांग व खपत ज्यादा है, क्योंकि गांवों में पशुपालन के लिए भी पानी चाहिए होता है। इसके लिए अलग से योजना बनाकर पेयजल स्त्रोत बढ़ाकर संरक्षण करना होगा। उन्होंने क्षेत्र के भणियाणा गांव में स्थित भीम तालाब के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस तालाब से 60 गांवों के लोग प्यास बुझाते थे और अकाल में भी जीवन का आधार रहा है, लेकिन तालाब का रख रखाव व सार-संभाल नहीं होने के कारण चारों तरफ से अतिक्रमण से घिर गया है। तालाबों व नाडियों पर कब्जे हो रहे है। उन्होंने भीम तालाब सहित अन्य पारंपरिक जल स्त्रोतों पर मनरेगा के तहत बबूल की झाडिय़ों की कटाई करवाने की मांग की। उन्होंने भणियाणा क्षेत्र के लिए भीम तालाब के संरक्षण व विकास के लिए सौगात देने की मांग की। साथ ही भणियाणा में जलदाय विभाग के सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता कार्यालय शुरू करने, पूर्व में सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्वीकृत किए गए हैण्डपंपों व नलकूपों की संख्या दोगुणा करने, विद्यालयों, धार्मिक स्थानों व अस्पतालों में सोलरयुक्त हैण्डपंप स्वीकृत करवाने की भी मांग की है।

नहरी क्षेत्र में सिंचाई का पूरा पानी मिले

क्षेत्रीय विधायक महंत प्रतापपुरी ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर केनाल में 62 हजार 650 हेक्टेयर क्षेत्र में 310 क्यूसेक पानी स्वीकृत किया था, लेकिन यहां केवल 176 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। उन्होंने पूरा पानी दिलाने, 2017 से रुके हुए मुरबे आवंटित करने, फलोदी में स्थित नहर परियोजना के अधिशासी अभियंता कार्यालय को पोकरण करने, पोकरण व रामदेवरा के लिए विशेष योजना बनाकर पेयजल समस्या को समाधान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जैसलमेर व पोकरण क्षेत्र में सर्वाधिक सोलर व पवन ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन होता है, लेकिन यहां बिजली की समस्या से आमजन त्रस्त है। उन्होंने यहां उत्पादित बिजली क्षेत्र में आपूर्ति करने, पोकरण व रामदेवरा में बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ रखने, रामदेवरा आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बिजली से संबंधित समस्या से राहत दिलाने, विशेष पैकेज दिलाने की मांग की। इसी प्रकार उन्होंने क्षेत्र में कार्यरत सोलर व पवन ऊर्जा संयंत्रों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार दिलाने, सीएसआर फंड से क्षेत्र में विकास कार्य करवाने, डिमांड राशि जमा करवाने के बाद भी 2018 से लंबित कृषि कनेक्शन दिलाने, पोकरण में स्थित 132 केवी जीएसएस की क्षमता बढ़ाने, फलसूंड, भणियाणा व सांकड़ा में अधिशासी अभियंता कार्यालय स्वीकृत करवाने और देचू में स्थित 220 केवी जीएसएस को 400 केवी में क्रमोन्नत करने की मांग की है।

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