जैसलमेर

स्वतंत्रता के स्वर्ण क्षण: जैसलमेर में तिरंगे का अमर उत्सव

सरहदी जिले में इस बार स्वतंत्रता दिवस का उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा।

जैसलमेरAug 13, 2024 / 08:30 pm

Deepak Vyas

सरहदी जिले में इस बार स्वतंत्रता दिवस का उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा। पूरे जिले में तिरंगे का महोत्सव देखने लायक होगा, क्योंकि हर गली, हर घर और हर संस्थान में तिरंगा फहराने की तैयारियां जोरों पर हैं। कुछ वर्षों पहले तक स्वतंत्रता दिवस केवल सरकारी दफ्तरों और बड़ी इमारतों तक सीमित था, अब वह समय बीत चुका है। आजादी के अमृत काल में जैसलमेर का हर नागरिक अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तिरंगे को लेकर बढ़ते सम्मान और जागरुकता का एक बड़ा कारण है राष्ट्रीय ध्वज संहिता में किया गया संशोधन। इस संशोधन के तहत अब तिरंगे को केवल दिन में ही नहीं, बल्कि रात में भी फहराया जा सकता है। पहले खादी से बने तिरंगे ही फहराए जाते थे, लेकिन अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने तिरंगे को भी मान्यता दी गई है। यह बदलाव न केवल ध्वज के सम्मान को बढ़ाता हैए बल्कि इसे हर घर का अभिन्न हिस्सा बना देता है।

खादी की पहचान और तिरंगे की मांग

जैसलमेर में इस बार तिरंगे की मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ.साथ आम नागरिक भी तिरंगे को अपने घरों और दुकानों पर फहराने के लिए उत्साहित हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ से खादी के तिरंगे की मांग सबसे अधिक है, जहां से यह राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में भेजा जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण जैसलमेर में इस बार तिरंगे का विशेष महत्व है और यह हर कहीं लहराता हुआ दिखेगा।

तिरंगे का गौरवशाली इतिहास

राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास भी इसे खास बनाता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पहली बार 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौराहे पर एक ध्वज फहराया गया था, जिसमें लाल, पीले और हरे रंग की तीन आड़ी पट्टियां थीं। वर्ष 1921 में पिंगली वैंकया ने महात्मा गांधी से मुलाकात की और तिरंगे के मूल डिजाइन का प्रस्ताव रखा, जिसमें लाल और हरे रंग की पट्टियां शामिल थी। इस डिजाइन में समय-समय पर बदलाव किए गए और अंतत: 1931 में कराची में इसे तिरंगे के रूप में स्वीकृति मिली। इसी तरह 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा में इसे वर्तमान स्वरूप में मान्यता दी गई।

सीएम की मौजूदगी में होगा हर घर तिरंगा अभियान

हर घर तिरंगा अभियान के कारण सरहदी जिले में इस बार अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। ऐतिहासिक सोनार किले की अखे प्रोल से खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कार्यक्रम में शामिल होंगे। ऐसे में स्वतंत्रता दिवस पर हर घर, हर स्कूल, हर संस्थान और हर प्रतिष्ठान पर तिरंगा लहराने की कवायद की जा रही है।

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