scriptभगवान को प्रिय होती है अनन्य भक्ति: देवी चित्रलेखा | Patrika News
जैसलमेर

भगवान को प्रिय होती है अनन्य भक्ति: देवी चित्रलेखा

जैसलमेर के भाटिया मैरिज गार्डन में प्रसिद्ध कथावाचिका देवी चित्रलेखा ने मदभागवत कथा के समापन दिवस भगवान की भक्ति के विविध आयामों के बारे में विचार-विमर्श किया।

जैसलमेरNov 13, 2024 / 08:29 pm

Deepak Vyas

jsm news
जैसलमेर के भाटिया मैरिज गार्डन में प्रसिद्ध कथावाचिका देवी चित्रलेखा ने मदभागवत कथा के समापन दिवस भगवान की भक्ति के विविध आयामों के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पतिव्रता स्त्री होती है, उसी तरह से एकव्रती भक्त भी भगवान को प्रिय होते हैं। अपने घर के मंदिर में भी एक ठाकुर जी की प्रतिमा की पूजा की जानी चाहिए। यह नहीं कि अलग-अलग मंदिर स्थलों या तीर्थ जाने पर वहां से प्रतिमाएं या चित्र लाकर घर के मंदिर में स्थापित कर दें। ऐसा करने से हमारा भी मन अस्थिर होता है। यदि अन्य देवी-देवता की प्रतिमा या चित्र रखना भी है तो घर के कमरों में लगाएं। शास्त्रीय भक्ति भी यही होती है। देवी चित्रलेखा ने कहा कि महान भक्त मीरां बाई भी एकव्रती भक्त हैं। उन्होंने कहा कि एक बार ठाकुर जी के चरणों में शीश झुक गया है, अब और किसी देवी-देवता का ध्यान नहीं आ सकता।

कथा से आना चाहिए जीवन में परिवर्तन

देवी चित्रलेखा ने कहा कि भगवान के नाम जप से मानव का कल्याण होता है। हम भागवत कथा सुने और हमारे जीवन में कोई परिवर्तन न आए तो कथा बारम्बार सुननी चाहिए। आज कथा के समापन के बाद कल से आपके जीवन में इसका परिणाम नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कथा का हमारे जीवन पर कोई असर नहीं पड़े तो हमें साधु संग बढ़ाना चाहिए। संत-महापुरुषों के संग रहने से मन में भक्ति की लौ जलती है। कथा का फल कृष्ण चरण रति की प्राप्ति हुआ करती है। हमें सारा जीवन कथा श्रवण में बिताना चाहिए क्योंकि त्रेता युग में श्रीराम आए और चले गए। द्वापर में कन्हैया आए और चले गए लेकिन उनकी कथा आज तक हमारे साथ चलती है। बुधवार को कथा के समापन अवसर पर कृष्ण-राधा की झांकी के साथ पुष्पों की होली खेली गई। जिसमें भक्तजनों ने जम कर पुष्पों की होली खेली। देवी चित्रलेखा ने श्रीकृष्ण से संबंधित कई भजनों की प्रस्तुति दी। उपस्थित श्रद्धालु भी झूम उठे।

Hindi News / Jaisalmer / भगवान को प्रिय होती है अनन्य भक्ति: देवी चित्रलेखा

ट्रेंडिंग वीडियो