अंतरराष्ट्रीय प्रबंध निदेशक, जियो एक्सप्लोर एवं पूर्व प्रोफेसर भू-तकनीकी विज्ञान गोविंदसिंह भारद्वाज का कहना है कि मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में निजी खेत में बोरवेल की खुदाई के समय अत्यधिक मात्रा में पानी का पूरे दबाव के साथ आने का भू-वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषण करने पर जो तथ्य सामने दिखाई दे रहे हैं, उसे असाधारण रूप से देखे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यहां उत्तर पश्चिम से दक्षिण पश्चिम में सतही जल स्त्रोत है या डिप्रेशन जोन है, इसके नीचे पानी भूमि में प्रवेश नहीं करता है। यह सिन्धु नदी बेसिन से जुड़ा हुआ है, जिसमें पानी का भंडार नेचुरल गैस के भंडार के नजदीक जान पड़ता है। जैसलमेर पेट्रोलियम बेसिन का पाकिस्तान के पेट्रोलियम बेसिन से कंटीन्यूटी हैं, जिसमें सेंडस्टोन के वलयाकार फोल्ड के क्रेस्ट में निश्चित रूप से गैस भंडार का होना प्रतीत होता है।
गैस भंडार के होने के संकेत
उनका कहना है कि सिंधु बेसिन फोल्ड बेल्ट का भूमिगत भाग है। सकारात्मक सोच के अनुसार प्राकृतिक गैस भंडार के होने के संकेत हैं। इसी कारण से पूरा दबाव बना हुआ है।
पाकिस्तान के क्षेत्र के उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम व दक्षिण में फॉल्ट लाइन है, जिसे हम बैला आर्च व चमन फाल्ट जानते हैं। इसके पूर्व में फोल्ड या वलयाकार सेंडस्टोन है, इसके वलय में गैस भंडार है।
दी ऐसी सलाह
उन्होंने कहा कि सावधानी से देखना होगा कि पेलियोसिन, इओसिन व मायोसिन भूवेज्ञानिक काल की भूमिगत चट्टानों में गैस भंडार स्थित है।
यह सब हमारे खोज को गति प्रदान कर रहा है, जिसमें हम पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन गैस रिसाव का द्वार खुल जाने की स्थिति के लिए प्रशासनिक तैयारियां होनी चाहिए, ताकि हम किसी भी तरह से नुकसान से बचा जा सकेगा।