दीपावली पर्व: डिजिटल युग में भी बहियों की पूजा करने की परंपरा
डिजिटल युग में खातों का लेखा-जोखा रखने के लिए बहियों का महत्व कम हो गया है। बावजूद इसके इन दिनों दीपावली त्योहार पर बहियों की बिक्री देखी जा सकती है।
डिजिटल युग में खातों का लेखा-जोखा रखने के लिए बहियों का महत्व कम हो गया है। बावजूद इसके इन दिनों दीपावली त्योहार पर बहियों की बिक्री देखी जा सकती है। आज भी परंपरागत बहियों में हिसाब-किताब रखने का प्रचलन है। कुछ व्यापारी पीढिय़ों से अपना हिसाब-किताब बहियों में लिखते रहे है। इस वजह से बहियों के प्रति उनका लगाव बढ़ गया है। दीपावली पर्व के मौके पर गणेश व लक्ष्मी पूजन के बाद व्यापारी अपनी बहियों की भी पूजा करते है। व्यापारियों की मानें तो पुराने समय में हर तरह का हिसाब-किताब बहियों में ही रखा जाता था, जो बरसों तक सुरक्षित रहता था। व्यवसायी गोकुलचंद बताते हैं कि भले ही कंप्यूटर व डिजिटल का जमाना है, लेकिन उसमें डाटा नष्ट होने जाने का भय रहता है। ऐसे में बहियों में ही हिसाब-किताब ही सुरक्षित रह सकता है।
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