जैसलमेर

बाबा रामदेव मेला: आधे-अधूरे इंतजामों से श्रद्धालु परेशान

पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक स्थल रामदेवरा में बाबा रामदेव का भादवा मेला तो आगामी 5सितंबर से शुरू होगा, लेकिन यात्रियों की भारी आवक 15 अगस्त से ही शुरू हो जाएगी।

जैसलमेरAug 04, 2024 / 07:54 pm

Deepak Vyas

पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक स्थल रामदेवरा में बाबा रामदेव का भादवा मेला तो आगामी 5सितंबर से शुरू होगा, लेकिन यात्रियों की भारी आवक 15 अगस्त से ही शुरू हो जाएगी। मेले से पहले यात्रियों की सुविधाओ को लेकर सभी आवश्यक सेवाएं लडख़ड़ाई हुई हैं। बिजली,पानी,सडक़,जैसी आवश्यक सेवाएं पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है। जिम्मेदार बैठक दर बैठक कर कागजों में ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटे हैं।
जानकारी के अनुसार रामदेवरा में मेला आरंभ से पहले मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर ग्राम पंचायत में बैठकों का दौर चलता है। इसके बावजूद भी समय पर यात्री सुविधाएं पूर्ण नही हो पाती है। व्यवस्थाओं को करने वाले जिम्मेदार व्यवस्थाओं को लेकर गंभीरता नही दिखाते हैं। पहली प्रशासनिक बैठक भी 24 जुलाई को हो चुकी है लेकिन अभी तक विभागों द्वारा केवल कागजों में काम किया गया है। ग़ौरतलब है कि रामदेवरा के भादवा मेले में एक महीने में कऱीब 30 से 40 लाख लोग दर्शन करेंगे। भादवा मेले की शुरुआत अनौपचारिक रूप से 15 अगस्त से होगी। इस मेले में राजस्थान के साथ गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ देश के कई राज्यों से लाखों श्रद्धालु रोजाना रामदेवरा में समाधि दर्शन को आएंगे।

सडक़ों की दुर्गति –

डामर सडक़ों की हालत इतनी खराब है कि उन पर चलना भी दुश्वार हो रहा है। पोकरण रोड पर बालीनाथ प्रवेशद्वार से रावणा राजपूत धर्मशाला तक, रावणा राजपूत धर्मशाला से रेलवे स्टेशन तक डामर सडक़ की बुरी हालत होने के बावजूद जिम्मेदार बेपरवाह हैं। यही हाल नोखा चौराहा सडक़ का है, हालाकि यहां गत दिनों काम शुरू हुआ है। जो कछुआ की चाल से चल रहा है।
नोखा चौराहे से रेलवे स्टेशन जाने वाले इस सडक़ मार्ग की स्थिति पिछले 4 साल से खऱाब हालत में है। इस सडक़ मार्ग पर रामदेवरा के 3 मुख्य विद्यालय स्थित होने के कारण और रेलवे स्टेशन जाने वाली मुख्य सडक़ होने के कारण प्रतिदिन सैकड़ों विद्यार्थी और श्रद्धालु आवागमन करते हैं, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग की नींद अभी तक नही खुल पाई है। रुणिचा कुआ जाने वाली डामर सडक़ की भी दुर्गति ने यात्रियों को परेशान कर दिया। यहां से सबसे अधिक श्रद्धालु पैदल गुजरते हैं।पैदल पथ पर भी झाडिय़ां और कचरा फैला हुआ है।

अंधेरे में चलते हैं यात्री –

बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने आने वाले पैदल यात्री जोधपुर से वाया वीरमदेवरा गांव होते हुए रुणीचा कुआ से बाबा की समाधि स्थल तक पहुंचते हैं। इस दौरान रुणीचा कुआ रोड से लेकर रावणा राजपूत धर्मशाला तक करीब 1 किलोमीटर की परिधि में किसी प्रकार की रोड लाइट नहीं होने के दौरान पैदल यात्रियों को अंधेरे के बीच अपना सफर तय करना पड़ता है। मेले के दौरान भी यह सडक़ अंधेरे में डूबी रहती है ।

पानी और बिजली के दावे –

मेले में आने वाले लाखों यात्रियों को बिजली-पानी की अहम जरूरत रहती हैं। रोजाना 14 से 16 लाख लीटर पानी रामदेवरा ग्राम पंचायत को चाहिए। वर्तमान में पानी 10 से 12 लाख लीटर ही सप्लाई होता है। ऐसे में टैंकरों के सहारे मेले में आने वाले लाखों यात्रियों की पानी की जरूरत को जिम्मेदार कैसे पूरा करेंगे, यह अहम सवाल है।

रेलवे स्टेशन के पास दुर्गंध

रामदेवरा रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म की दीवार के पीछे भारी मात्रा में जमा गटर का पानी दुर्गंध फैला रहा है। जिससे यात्रियों और ग्रामीणों दोनो को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जिम्मेदार लंबे समय से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
वाहनों का जमावड़ा
बाबा रामदेव मेले से पहले ही आने वाले यात्रियों को मेला चौक,चाचा चौक,पर्चा बावड़ी, टीन शेड रोड, पर वाहनों के जमावड़े से पैदल तक चलने की जगह नही मिल पाती है। वाहन चालकों की दबंगई के चलते यात्री परेशानी उठाते हैं।

फैक्ट फाइल –

-5 सितंबर को बाबा रामदेव मेला शुरू

-30 से 40 लाख श्रद्धालुओं का होगा आगमन
-5 किमी में फैला रहता है मेला

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