हजारों कमरे फिर भी कम
– जैसलमेर शहर और आसपास के क्षेत्रों में करीब 450 छोटी-बड़ी होटलें, गेस्ट हाउस, धर्मशालाएं हैं, जिनमें 8 हजार कमरें उपलब्ध हैं।
– सम और खुहड़ी के रिसोट्र्स को मिलाकर 6 हजार टेंट्स और हट्स सैलानियों के ठहराव के लिए तैयार हैं।
– इतनी ठहराव व्यवस्था भी कम पडऩे की पूरी संभावना है। तभी सैलानियों को कई बार शहर के सामुदायिक भवनों ही नहीं अपने वाहनों तक में सर्द रात काटनी पड़ती है।
– पर्यटन व्यवसायी अनुमान लगा रहे हैं कि वर्ष के अंतिम दिन जैसलमेर और सम-खुहड़ी में 30 हजार से ज्यादा सैलानी होंगे।
– 10 हजार कामगारों के अलावा करीब 1500 वाहन सैलानियों की सेवा में होंगे तो उनका मनोरंजन 800 से ज्यादा स्थानीय व बाहरी कलाकार करेंगे। चहुंओर रोशनी का उजास सैलानियों के लिए सभी होटलों और रिसोट्र्स में रंग-बिरंगी रोशनियों के नजारे झिलमिला रहे हैं। जहां बड़ी होटलें क्रिसमस पर्व से ही सज-धज कर तैयार हो चुकी हैं, वहीं सम-खुहड़ी के रिसोट्र्स भी चमका दिए गए हैं। पर्यटन व्यवसायी विविध व्यवस्थाएं करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि, जब सैलानी खुले हाथ से खर्च करते हैं तो उन्हें भी बदले में दिल खोलकर पैसा लगाकर व्यवस्था करना आवश्यक है। जिससे उनका न्यू इयर सेलिब्रेशन खास बन जाए और वे इस अनुभव को हमेशा संजोकर रखें।
रिकॉर्ड तादाद में उमड़ रहे सैलानी
हर बार की भांति नए साल के मौके पर जैसलमेर में रिकॉर्ड सैलानी उमड़ रहे हैं। वैसे कोरोना काल में यह सिलसिला मद्धम पड़ा था लेकिन इसके बाद अब सब सामान्य है। स्कूलों में शीतकालीन अवकाश शुरू होने के बाद से देश के विभिन्न प्रांतों और राजस्थान के अन्य शहरों से पर्यटक अपने परिवारजनों तथा दोस्तों के साथ स्वर्णनगरी के नाम से मशहूर जैसलमेर पहुंचने लगे हैं। एक अनुमान के अनुसार दिसम्बर माह में पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा पर्यटन जैसलमेर आएंगे। आमतौर पर क्रिसमस के बाद के तीन दिन सैलानी कम रहते हैं, लेकिन इस बार इन दिनों में भी अच्छी आवक रही।