अब अत्याधुनिक उपचार विधियों से टेढ़े मुंह, शरीर की अकड़न, कम्पन और असंतुलन जैसे मूवमेंट डिसऑर्डर वाले मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा है। हर साल 29 नवंबर को वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे के रूप में मनाया जाता है। नारायणा हॉस्पिटल में आज डीबीएस और बोटोक्स उपचार से लाभान्वित मरीजों को सम्मानित किया गया। डॉक्टरों ने पार्किंसन जैसे मूवमेंट डिसऑर्डर के उपचार में हुए नवीनतम विकास पर चर्चा की और राजस्थान में पहली बार उपयोग किए गए एडवांस एआई आधारित डीबीएस पेसमेकर के बारे में बताया।
पार्किंसन रोग के इलाज में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) सर्जरी, जो भारत के कुछ अस्पतालों में 20 वर्षों से हो रही है। अब राजस्थान के मरीजों के लिए भी उपलब्ध है। बोटोक्स इंजेक्शन भी एक नई विधि है, जो मांसपेशियों के ऐंठन और अति सक्रियता को नियंत्रित करता है। विशेषज्ञों ने बताया कि डीबीएस तकनीक में मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड डाले जाते हैं, जिन्हें एक पेसमेकर से जोड़ा जाता है। इससे मरीज के लक्षणों में 70-80% तक सुधार होता है। इसके अलावा, एडवांस EMG बोटोक्स इंजेक्शन आंखों के टेढ़ेपन और स्ट्रोक के लक्षणों को भी सुधारता है।