पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देना है उद्देश्य
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज राजस्थान में ई-कचरा प्रबंधन नीति (E-waste management policy) को लॉन्च किया जा रहा है। अल्बर्ट हॉल पर सोमवार सुबह राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर तैयार की गई इस नीति के साथ राजस्थान जलवायु परिवर्तन नीति और राजस्थान वन नीति का भी विमोचन भी किया गया है। इस दौरान बताया गया कि ई-कचरा प्रबंधन नीति से ना केवल वैश्विक मानकों के मुताबिक ई कचरे का निपटान करने में मदद मिलेगी बल्कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग की जाने वाली कीमती सामग्री के नुकसान को रोकने में भी मदद करेगी।
जन जागृति दौड़ से दिया संदेश
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत सुबह 6 बजे अल्बर्ट हॉल से ‘रन फॉर एनवायरमेंट’ के साथ होगी जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रसारित करने के लिए दौड़ लगाई। इससे एक दिन पहले 31 मई को मिशन लाइफ को लेकर राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
वायू गुणवत्ता को लेकर होंगे प्रयास
राज्य प्रदूषण मंडल की तरफ से प्रदेश के सभी 33 जिलों में प्रदुषण जांच केंद्र की स्थापना को लेकर आज अलबर्ट हॉल के कार्यक्रम में इसकी शुरूआत की गई है। इस कार्यक्रम के लांच होने के बाद अब प्रदेश में बरसात की तरह ही जिला मुख्यालयों पर प्रदूषण के स्तर को लेकर चेतावनी भी जारी की जा सकेगी, साथ ही प्रदूषण यानी वायु की गुणवत्ता को लेकर भी सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा प्रदेश के पांचवें टाइगर रिजर्व धौलपुर टाइगर रिजर्व को लेकर भी आधिकारिक घोषणा की गई।
जंगल और पहाड़ों की रक्षा को लेकर उठाए गए कदम
राजस्थान में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई तथा जंगलात इलाकों में पक्के निर्माणों को लेकर पर्यावरण असुंतलन पैदा होने के साथ वन्य क्षेत्र लगातार कम हो रहे हैं, पशुओं को जंगल में कटने से मानवीय असुंतल पैदा हो रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज इसी को लेकर सरकार ने कई कदम उठाएं हैं। यही वजह है कि हमेशा से इस दिन को आस-पास प्राकृतिक तौर पर मौजूद पर्यावरण, खासतौर पेड़ पौधे, जंगल, पहाड़, वन्य क्षेत्रों को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए विभिन्न संगठनों ने सोमवार को पर्यावरण सुधार को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उदयपुर के उप वन संरक्षक ने बताया कि शहर के पर्यावरण प्रेमी, वन विभाग, बीएसएफ, आर्म स्काउट, एनसीसी कैडेट, विद्यार्थी और अन्य विभागों के कर्मचारी जागरूकता रैली निकाली गई। इस मौके पर कलेक्टर आनन्दी, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर समेत अन्य लोगों ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली मोती मगरी फतहसागर के मुख्य द्वार से शुरू होकर मुंबइया बाजार, फतहसागर ओवरफ्लो गेट होते हुए देवाली गेट, फतहसागर पाल पर समाप्त होगी।
5 जूून को विश्व पर्यावरण दिवस अलग थीम पर मनाया गया
भारत समेत विश्वभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सभी देश अलग अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला किया था, लेकिन सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 1972 में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था।
दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति पर खतरा बढ़ रहा है। जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके। हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक खास थीम होती है। इस साल भी विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “” को बनाया गया है।