ओपन सत्र शाम 5 बजे तक चलेगा। ओपन सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पूरे समय मौजूद रहेंगे। एआईसीसी मेंबर, पीसीसी मेंबर, विधायक, विधानसभा और लोकसभा प्रत्याशी रहे नेताओं और जिलाध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि खुले सत्र से मीडिया को दूर रखा गया है।
सरकार की रीति-नीति और उपलब्धियों पर होगी चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो खुले अधिवेशन में एआईसीसी-पीसीसी मेंबर, जिलाध्यक्ष सरकार की उपलब्धियों- योजनाओं को लेकर अपनी बात रखेंगे। साथ ही किस योजना में क्या कमी है और किस योजना की बेहतर तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है, उसको लेकर भी सरकार को सुझाव देंगे। अगर कहीं सरकार की योजनाओं में कमी नजर आती है तो उसे लेकर भी पार्टी पदाधिकारी, एआईसीसी मेंबर, पीसीसी मेंबर अपनी बात रखेंगे और सरकार को सुझाव देंगे।
इसके अलावा 23 फरवरी को सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले बजट को लेकर भी एआईसीसी-पीसीसी मेंबर अपने अपने सुझाव सरकार को देंगे। खुले अधिवेशन में कार्यकर्ता सरकार को यह सुझाव भी देंगे की वर्तमान में कौन-कौनसी योजनाओं का लाभ जनता को सीधे मिल रहा है और किन योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है, और सरकार के कौन कौन से कामों कामों को लेकर जनता में नाराजगी है या फिर विधायकों की कार्यशैली को लेकर जनता में क्या प्रतिक्रिया है।
सरकार कैसे रिपीट हो इस पर भी देंगे सुझाव
वहीं आज खुले अधिवेशन में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी किस प्रकार से रिपीट हो उसे लेकर भी चर्चा होगी। एआईसीसी मेंबर, पीसीसी मेंबर और जिलाध्यक्ष इस पर अपने सुझाव देंगे। इसके अलावा मिशन 2023 के लिए संगठन को किस प्रकार से मजबूत किया जाए। इस पर भी खुले अधिवेशन में चर्चा होनी है।
3 साल में पहली बार बोला खुला अधिवेशन
बड़ी बात यह है कि सरकार बनने के बाद ऐसा पहला मौका है। जब पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं का खुला अधिवेशन बुलाया जा रहा है, जिसमें सरकार के कामकाज के साथ ही योजनाओं पर भी कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता अपनी अपनी राय सरकार को देंगे।
पहली बार बजट पर संवाद
सूत्रों की माने तो पिछले 3 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से संवाद करेंगे। दरअसल इसकी वजह यह है कि 3 साल के बाद अब मुख्यमंत्री गहलोत चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय को ही अहमियत दे जाए और जो सुझाव पार्टी के नेता कार्यकर्ता देंगे। उसी के मुताबिक सरकार काम करें। इसीलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता का जमीनी फीडबैक देने को कहा था जिससे कि सही फीडबैक सरकार तक पहुंचे।
सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
वहीं खुले अधिवेशन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के जो भी सुझाव आएंगे उनका एक प्रस्ताव तैयार करके उसे अधिवेशन में पास किया जाएगा। उसके बाद वह प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा, जिससे सरकार संगठन के नेताओं की राय से काम कर सके। गौरतलब है कि पार्टी का खुला अधिवेशन पहले बीते साल दिसंबर माह में प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के चलते खुला अधिवेशन स्थगित कर दिया गया था।
खुले अधिवेशन में ये दिए जा सकते हैं सुझाव
– साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार कैसे रिपीट हो
-कांग्रेस जनघोषणा पत्र के तमाम वादे पूरे हो
– पिछली बजट घोषणाओं का लाभ जनता को मिल रहा है
– पट्रोल-डीजल की दरों से वैट कम करने का सुझाव
– बिजली की दरों में कमी करने का सुझाव
-गरीब और मध्यमवर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं बने
– उद्योगों के लिए निवेश का माहौल बने
-बेरोजगारी दूर करने की दिशा में कदम उठाए जाएं
– उद्योग धंधों और नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता