1. चौंकाने वाला नाम क्यों?
मुख्यमंत्री पद के लिए भजनलाल शर्मा का नाम आम चर्चा में नहीं था। प्रदेश के बड़े दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में थे। इनमें कई सांसद-विधायक एक से अधिक बार चुनाव जीत चुके थे। लेकिन पार्टी ने पहली बार के विधायक को चुना। भजनलाल को भरतपुर से लाकर अंतिम समय में जयपुर के सांगानेर से चुनाव लड़ाया गया।
2. चयन की सबसे बड़ी वजह क्या?
भजनलाल संघ पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। वे लंबे समय से संघ के साथ जुड़कर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। संगठन में काम करने का लंबा अनुभव काम आया। वे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता माने जाते हैं। छवि पर किसी प्रकार का दाग नहीं है। राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे। किसी गुटबाजी में नहीं, हर धड़े से संबंध।
3. ब्राह्मण चेहरे के ही चयन की क्या वजह रही?
प्रदेश में पार्टी को ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी। एमपी व छत्तीसगढ़ में आदिवासी व ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद राजस्थान में सामान्य वर्ग से मुख्यमंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना थी। भाजपा ने प्रदेश में पहली बार ब्राह्मण चेहरे को मौका दिया है।
4. ब्राह्मण चेहरे और भी, भजनलाल क्यों?
भाजपा में कई ब्राह्मण नेता चुनाव जीतकर आए हैं। इनमें कई वरिष्ठ विधायक और पूर्व में मंत्री भी रहे हैं। लेकिन संघ पृष्ठभूमि और संगठन की समझ उनके चयन का बड़ा कारण बनी। फिर दिल्ली के बड़े नेताओं के साथ अच्छे सम्बन्ध भी बड़ी वजह हैं। भजनलाल का निर्वाचन क्षेत्र जयपुर का सांगानेर जरूर है, लेकिन वे मूलतः भरतपुर जिले के नदबई के रहने वाले है। उनके चयन से पूर्वी राजस्थान में भाजपा को मजबूती मिलेगी।
5. पार्टी के लिए बड़ी चुनौती क्या?
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों के चयन के बाद पार्टी के लिए बड़े नेताओं को साधने की बड़ी चुनौती है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, वरिष्ठ विधायक, और सांसद से विधायक बने नेता शामिल हैं। इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना भी संभव नहीं लग रहा। वजह है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बड़े नेताओं से जूनियर हैं।
6. चयन से बदल गया रिवाज?
भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री का चयन कर रिवाज बदलने का काम किया है। प्रदेश में अब तक मुख्यमंत्री के चयन में वरिष्ठता और राजनीतिक अनुभव को देखा गया है। फिर चाहे मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी, भैंरोसिंह शेखावत, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे व अन्य कई बड़े नाम हैं। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री के चयन में इन बातों पर गौर नहीं किया गया।
7. संगठन और सत्ता का तालमेल कैसा रहेगा?
भजनलाल लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। दस साल से वे संगठन में प्रदेश महामंत्री के पद पर हैं। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के साथ भी अच्छे संबंध हैं। इस लिहाज से जोशी के अध्यक्ष पद पर रहते सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल रहेगा।
8. क्या भाजपा का पूर्वी राजस्थान पर फोकस?
विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा पूर्वी राजस्थान में एक तरह से साफ हो गई थी। यहां कांग्रेस को बढ़त मिलने से ही वह सत्ता में आई थी। कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान से ही कई मंत्री बनाए थे। इस बार चुनाव में पीएम मोदी, अमित शाह और जे.पी. नड्डा ने यहां दौरे किए। इसका फायदा मिला। अब मूलत: भरतपुर निवासी भजनलाल को सीएम बनाकर इस क्षेत्र को साधा है।
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9. लोकसभा पर क्या असर आएगा?
भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर ब्राह्मण के साथ ही दो उप मुख्यमंत्री बनाकर राजपूत और दलित समुदाय को साधने का काम किया है। इसका लोकसभा चुनाव में भाजपा फायदा देख रही है। लेकिन जाट व मीणा वर्ग को संभवतः मंत्रिमंडल के गठन में साधा जाएगा। इन वर्गों का प्रदेश की कई लोकसभा सीटों पर प्रभाव है।
10. इस चयन से भाजपा को क्या फायदा?
पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने से भाजपा के आम कार्यकर्ता में जोश आएगा। लंबे समय से भजनलाल के संगठन में जमीनी स्तर पर काम करने से प्रदेश में नेटवर्क अच्छा है। हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता से जुड़े रहे। इसका आगामी चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सकता है।