राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन (आरपीएससी) के आरएएस एग्जाम के प्री-पेपर में भी आशीष दो बार फेल हो चुके थे। मूलत: भरतपुर के नदबई तहसील के रहने वाले आशीष जयपुर के वैशाली नगर में रहते हैं। उन्होंने 12वीं जयपुर के एक निजी स्कूल से पास की और उसके बाद आईआईटी एंट्रेस देकर आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लिया। आशीष के पिता रमेश चंद अग्रवाल सरकारी टीचर के पद से साल 2022 में रिटायर्ड हुए और मां सुधा अग्रवाल हाउस वाइफ है।
आशीष ने अपने इस सफर को साझा करते हुए बताया कि साल 2017 में आईआईटी खड़गपुर से इंडस्ट्रीयल मैनेजमेंट में एमटैक पास करने के बाद उन्होंने गुरुग्राम की एक आईटी कंपनी में जॉब शुरू की। एक साल जॉब करने के बाद जब उन्हें लगा कि वे कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी में बंधकर रह गए और सोशल तौर पर कुछ नहीं कर पा रहे, तब उन्होंने साल 2018 में नौकरी छोड़ी और आईएएस की तैयारी शुरू की।
साल 2019 में आईएएस का पहला एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में प्री-परीक्षा पास करने के बाद मैन्स में फेल हो गए। फिर आशीष ने साल 2020 में निकली यूपीएससी की परीक्षा दी। इस परीक्षा में वे प्री-एग्जाम भी क्लीयर नहीं कर पाए। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2021 में दोबारा यूपीएससी का एग्जाम दिया।
इसके बाद आशीष ने साल 2022 में दोबारा यूपीएससी का प्री-एग्जाम दिया, लेकिन इस बार उनको निराशा हाथ लगी और वे प्री-एग्जाम में फेल हो गए। आशीष ने बताया कि चार बार असफल होने के बाद वे काफी निराश हो गए थे, लेकिन उन्होंने आखिरी बार फिर से एग्जाम देने का फैसला किया और इस बार भाग्य ने भी उनका साथ दिया। साल 2023 में यूपीएससी का प्री-एग्जाम क्लीयर करने के बाद उन्होंने मैन्स की तैयारी घर से की और पहली बार मैन्स का एग्जाम भी किया। इंटरव्यू की तैयारियों के लिए वे दिल्ली गए और दो-तीन माह वहां रहे।
पहले ही प्रयास में आयुष का सलेक्शन
सिविल सर्विसेज एग्जाम-2023 में मालवीय नगर में रहने वाले आयुष श्रोत्रिय ने 109वीं रैंक हासिल की है। वे वैर भरतपुर के गोठरा मूलनिवासी है। पिता रामधन शर्मा वर्तमान मे प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। आयुष कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी में निरंतरता का सबसे अहम योगदान रहा। वे पहले ही प्रयास में सफल हुए। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और ग्रामवासियों को दिया।
यूपीएससी में 254वीं रैंक हासिल की
मानसरोवर के मांग्यावास निवासी हर्ष चौधरी ने यूपीएससी में 254वीं रैंक हासिल की है। चौधरी वर्तमान में आईआईएस सेवा में है और दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं। हर्ष के पिता दीनदयाल चौधरी स्कूल चलाते हैं। उनका कहना है कि बेटे का सपना था आईएएस बनने का, जो पूरा हुआ।