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Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर कैसे करें मौन व्रत, जानिए उपवास और मौन रहने के नियम

Mauni Amavasya: मौनी अमवस्या के दिन मौन व्रत करने और पितरों का पिंडदान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

जयपुरJan 28, 2025 / 08:30 am

Sachin Kumar

Mauni Amavasya

मौनी अमावस्या पर मौन व्रत

Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान, और मौन व्रत का विशेष महत्व होता है। मौनी अमावस्या का अर्थ है मौन या शांत रहना। इसबार 29 जनवरी बुधवार को मौनी अमावस्या का त्योहार मनाया जाएगा। यह दिन आत्मशुद्धि, मानसिक शांति और आत्मचिंतन के लिए समर्पित है। आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या पर मौन व्रत कैसे रखें और इसके नियम क्या हैं।

मौन व्रत का महत्व

मौनी अमावस्या पर मौन रहना आत्मा को शुद्ध करने का एक तरीका है। मौन व्रत से मन शांत होता है और व्यक्ति में सकारात्मकता का विकास होता है। इस दिन ध्यान और प्रार्थना के जरिए आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
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मौन व्रत करने की विधि

स्नान और शुद्धता

मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही स्नान करके पवित्र जल छिड़कें। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मौन का संकल्प लें

स्नान के बाद भगवान की पूजा करें और मौन रहने का संकल्प लें। संकल्प लेने के लिए भगवान विष्णु, शिव या सूर्य देव का ध्यान करें।

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उपवास रखें
मौनी अमावस्या पर उपवास करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। उपवास के दौरान फल, दूध, और हल्का भोजन किया जा सकता है। जल का सेवन करें, लेकिन तामसिक भोजन और अनावश्यक वस्तुओं से बचें।
ध्यान और प्रार्थना

मौन व्रत के दौरान ध्यान और प्रार्थना का विशेष महत्व है। शांत स्थान पर बैठकर ध्यान करें और ‘ॐ’ मंत्र का जप करें। यह मानसिक शांति और आत्मिक शक्ति को बढ़ाता है।
दान का महत्व

मौनी अमावस्या पर दान करना पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों, और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन दान करें।

मौन रहने के नियम

किसी भी प्रकार की बातचीत, झगड़ा या वाद-विवाद से बचें। मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें। दिनभर सकारात्मक सोच बनाए रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। जरूरी हो तो केवल संकेतों के माध्यम से संवाद करें। क्रोध, लोभ, और ईर्ष्या जैसी भावनाओं से बचें।
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मौनी अमावस्या के लाभ

मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है। आत्म-अवलोकन और आत्मशुद्धि के लिए यह दिन उपयुक्त है। नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में मदद मिलती है।
मौनी अमावस्या का दिन साधना, ध्यान और दान के लिए समर्पित होता है। मौन व्रत से व्यक्ति अपने भीतर के शोर को शांत करके आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। इसलिए, इस पवित्र दिन पर मौन व्रत का पालन करें और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करें।
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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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