भजनलाल कैबिनेट की मीटिंग में रविवार को तबादलों को लेकर चर्चा हुई। लेकिन, कोई फैसला नहीं हो पाया। बैठक में चर्चा के दौरान तबादलों को लेकर यह कहा गया कि इस समय स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाना सही रहेगा क्या? अन्य विभागों में तो खोले जा सकते हैं। एक मंत्री ने उनके जिले में सीएमएचओ लगाने की मांग की तो स्पष्ट किया गया कि अधिकारियों के तबादलों पर तो कोई प्रतिबंध है ही नहीं।
तबादलों के सवाल पर मंत्री ने दिया ये जवाब
कैबिनेट मीटिंग के बाद डिप्टी सीएम दिया कुमारी और संसदीय मंत्री
जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान अवगत कराया कि मीटिंग में तबादलों को लेकर भी चर्चा की गई थी। लेकिन, जब पत्रकारों ने सवाल किया कि राजस्थान में कर्मचारियों के तबादले से प्रतिबंध कब हटेगा। इस पर संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ऐसा कोई समाचार होगा तो सबसे पहले आपको देंगे। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट में लिए गए अन्य फैसलों की जानकारी दी।
एक महीने बाद भी तबादलों पर कोई फैसला नहीं
बता दें कि पिछले महीने 28 अगस्त को कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री जोागाराम पटेल ने कहा था कि हम लोग तबादलों को लेकर पूर्व की सरकारों से कुछ अलग करने पर विचार कर रहे हैं। ट्रांसफर हर सरकार का अधिकार होता है। कर्मचारियों का अधिकार भी होता है और नहीं भी होता है। लेकिन हम ट्रांसफर करें तो पूर्ण रूप से पारदर्शिता हो, निष्पक्षता हो। कर्मचारी को लगे कि मेरा इतने समय के बाद ट्रांसफर हो जानी चाहिए। हम ट्रांसफर करने व ट्रांसफर पॉलिसी लाने पर विचार किया जाएगा। लेकिन, एक महीने बीत जाने के बाद भी तबादलों पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
भजनलाल सरकार में कब हुए थे कर्मचारियों के ट्रांसफर?
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने फरवरी में 10 दिन के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया था। लेकिन, उस समय शिक्षा विभाग में तबादले नहीं किए गए थे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने परीक्षाओं का हवाला देते हुए तबादले नहीं करने का निर्णय किया था। ऐसे में कैबिनेट मीटिंग से सरकारी शिक्षकों को तबादलों से रोक हटने की उम्मीद जगी थी। क्योंकि सरकारी कर्मचारी पिछले लम्बे समय से तबादलों से प्रतिबंध हटने की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन, कैबिनेट मीटिंग में भी तबादलों से प्रतिबंध हटाने संबंधी बड़ा निर्णय नहीं हो सका। ऐसे में एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी।