सामान्यतया अगस्त माह में जयपुर में औसत बारिश का आंकड़ा 114 मिमी है लेकिन इस बार यह महज 30.94 मिमी तक ही सीमित रहा है। प्रदेश के अन्य कई जिलों में भी इस बार सीजन में मेघ औसत से कम बरसे। कम बारिश होने पर नदियों तालाबों में पानी की आवक थम गई। ऐसे में आगामी गर्मी में कुछ इलाकों पेयजल संकट भी मंडराने का अंदेशा है। खेतों में बोई ग्वार, बाजरा, मक्का, चना और मुंगफली की फसलें भी बारिश नहीं होने और पारे में हुई बढ़ोतरी के चलते अब चौपट होने के कगार पर पहुंच गई हैं। ऐसे में किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। अच्छी और बंपर फसलों की आस लगाए बैठे किसान अब मायूस हो चले हैं।
प्रदेश में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, जैसलमेर, बीकानेर,अलवर, पिलानी में दिन में पारा 35 डिग्री के पार दर्ज हो रहा है। जयपुर में भी पिछले 24 घंटे में दिन का तापमान 1.3 डिग्री बढ़कर 34.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। रात के तापमान में भी आंशिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सुबह शाम में शहर के मौसम में हल्की ठंडक महसूस हो रही है लेकिन उमस से लोग बेहाल हैं।
जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में नदियों से हो रही पानी की आवक फिलहाल थम गई है। बांध के जलस्तर में रोजाना एक सेंटीमीटर तक गिरावट भी दर्ज हो रही है। पिछले 12 दिन में बांध के गेज में 12 सेंटीमीटर कमी रिकॉर्ड हो चुकी है। मानसून सुस्त पड़ने के साथ ही अब बांध के छलकने की उम्मीदें भी अब टूटने लगी है। सुबह बांध का जलस्तर 313.88 आरएल मीटर दर्ज किया गया है।