पुलिस ने बताया कि शाम को करीब चार बजे जामडोली के मणिरत्नम विहार निवासी पुनीत पाराशर (30) और उसका छोटा भाई विवेक कुमार पाराशर (28) बाइक पर विश्वविद्यालय से चारदीवारी की ओर जा रहे थे। जेडीए सर्किल पर रेड सिग्नल होने के कारण जेब्रा क्रॉसिंग पर कई वाहन रुके हुए थे। उसी समय पीछे से आई मध्यप्रदेश नंबर की की कार ने जोरदार टक्कर मारी। दोनों भाई कई फुट हवा में उछलकर चौराहे पर जा गिरे। वहीं, पैदल एक महिला, दो बाइक और एक स्कूटी पर सवार लोग भी गंभीर जख्मी हो गए। कार की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई वाहनों के परखच्चे उड़ गए।
सड़क पर खून और हादसे के निशान-
हादसे के बाद पहले तो लोग समझ ही नहीं पाए, टक्कर के बाद धमाके की आवाज सुन चौराहे पर बैठे ट्रैफिक पुलिसकर्मी दौड़े। उन्होंने लोगों को संभाला और एंबुलेंस बुलवाकर अस्पताल भिजवाया और आरोपी कार चालक सवाईमाधोपुर हाल मानसरोवर हीरापथ निवासी वीरेंद्र जैन (43) को पकड़ लिया।
दबाना था ब्रेक, दब गया एक्सीलेटर-
पुलिस के मुताबिक वीरेंद्र जैन अपनी मां को एसएमएस अस्पताल में एमआरआई कराने के लिए कार से जा रहा था। इसके लिए किसी साथी की मध्यप्रदेश नंबर की कार को लेकर आया था। चौराहे पर रेड लाइट को देख वीरेंद्र ने पहले से खड़े वाहनों के नजदीक जाकर ब्रेक लगाने का प्रयास किया, लेकिन गलती से एक्सीलेटर दबा दिया। गति अचानक अत्यधिक बढ़ जाने से वह कार नियंत्रण नहीं रख पाया और हादसा हो गया।
लैब संचालन करते थे मृतक भाई-
पुलिस ने बताया कि पुनीत पाराशर पीएचडी था और कानोडि़या कॉलेज में लैब संभालता था। इस काम में उसका भाई भी मदद करता था। दोनों लैब को बंद कर घर की ओर लौट रहे थे। मृतकों के पिता राजकुमार पाराशर केंद्रीय कारागृह में प्रहरी है। हादसे की सूचना मिलते ही राजकुमार अस्पताल पहुंचे, बेटों के शव देखकर निढाल हो गए। वहीं, हादसे में रतनलाल मीणा, मीठालाल, धनराज और महिला सरिता भी गंभीर घायल हो गए।
कैमरों में कैद हुआ हादसा- जेडीए सर्किल पर जिस वक्त हादसा हुआ तब काफी तादाद में लोग मौजूद थे। जिसने भी इस खौफनाक हादसे को देखा वह सिहर उठा। ट्रैफिक पुलिस के कैमरों में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया। इसमें बाइक सवार दोनों भाई हवा में उछलते नजर आए।
मर गई संवेदना- जहां इस हादसे के वीडियो देख कर लोगों के जेहन में आक्रोश नजर आया। वहीं, एेसा मंजर भी लोगों ने देखा कि हादसे के बाद जब पीडि़त लोग सड़क पर पड़े हुए तड़प रहे थे तो रामबाग सर्किल की ओर से आने वाले ट्रैफिक में लोगों ने रोकने की बजाय उनके नजदीक से वाहन निकाले और अपने रास्ते पर चलते दिखे। मानवता के नाते ही सही तड़पते व्यक्ति को देखकर उठाने या बचाने का प्रयास तो करते, लेकिन जल्दबाजी में नजर आने वाले लोगों ने सड़क के बीचो बीच पड़े इंसानों को भी नहीं देखा।