जैसा की आप नाम से ही जान गए होंगे। इश्किया। जिसने इश्क किया वो इस मंदिर में नहीं आया तो क्या किया। इसीलिए जोधपुर घूमने आने वाले पर्यटक भी यहां आना नहीं भूलते। मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने पर रिश्ता बहुत जल्दी तय हो जाता है और प्यार करने वालों की मुराद पूरी हो जाती है। इसी वजह से गणेश जी को इश्किया गजानन कहा जाता है। वैसे ऐसा नहीं है कि मंदिर में केवल प्रेमी जोड़े ही आते हों। मंदिर में हर उम्र के लोग मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।
दरवाजेेेे में बंद रहते हैं गणपति, गणेश चतुर्थी को भी भक्त नहीं होते नसीब
पहले गणेश जी के इस मंदिर को गुरु गणपति के नाम से जाना जाता था। स्थानीय लोगों की मानें तो शादी से पहले प्रेमी जोड़ा पहली मुलाकात के लिए इस मंदिर में आया करते थे। दरअसल, मंदिर संकरी गली के अंदर एक निजी घर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने है। इस मंदिर का इस तरह निर्माण ( Ishqiya Ganesh Temple History ) किया गया है कि इसके आगे खड़े लोग दूर से किसी को आसानी से नजर नहीं आते थे। इस कारण यहां प्रत्येक बुधवार को प्रेमी युगलों का जमावड़ा लगा रहता है। कपल्स के मिलने का प्रमुख स्थान होने के चलते भी इस मंदिर का नाम इश्किया गजानन मंदिर पड़ गया। मंदिर में सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक व शाम 5.30 से रात 9 बजे तक दर्शन की सुविधा है। बुधवार को रात्रि 11 बजे तक मंदिर खुला रहता है।