जयपुर

राजपूताना के राजसी ठाटबाट की झलक दिखाने वाले टॉप-10 ऐतिहासिक किले-महलों में से एक है जयपुर का ये पैलेस

1592 ई. में बने इस महल को देख न सिर्फ मुगल शासक दांतों तले उंगली दबा लेते थे बल्कि अमरीकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश राजनेता भी बार—बार आना चाहते…

जयपुरSep 04, 2017 / 04:02 pm

Vijay ram

जो रानी सबसे पहले मिलती, वही रूम चुन लेते थेः महाराजा मान सिंह जब युद्ध से वापस लौटकर आते थे तो यह स्थिति हो जाती थी कि वह किस रानी को सबसे पहले मिलने जाएं। इसलिए जब भी कोई ऐसा मौका आता था तो राजा मान सिंह इस भूल-भूलैया में इधर-उधर घूमते थे और जो रानी सबसे पहले मिल जाती थी उसी रानी के कक्ष में विश्राम के लिए चले जाते थे। आगे देखें अब भी एसी-कूलर से ज्यादा सुकून मिलता है महल में –

यूं तो दुनिया में कितने शहर हैं लेकिन राजस्थान की राजधानी जयपुर जिसे भारत का पैरिस कहा जाता है, अलग ही है। प्राचीन समय में राजपूताना के नाम से विख्यात राजस्थान अपनी सुंदरता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां के स्थलों में इसकी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत की भव्यता झलकती हैं। यही कारण है कि यहां आने वाला हर देशी-विदेशी पर्यटक अपने साथ सुनहरी यादें समेटकर ले जाता है। राजपूताना के राजसी ठाटबाट की झलक दर्शाने वाले प्रमुख ऐतिहासिक किलों एवं महलों में से एक है आमेर का महल।
 

यह अपनी विशालता, भव्यता और सुंदरता के कारण दुनिया के गिने-चुने दुर्गों में से एक माना जाता है। मावठा झील के किनारे बने इस महल के प्रवेश द्वार की भव्यता को देखकर ऐसा लगता है मानो सोने की प्लेट पर हीरे मोती जड़ दिए हों और उन्हें पत्थर की दीवार पर सजा दिया गया हो। इसकी सुंदरता इतनी थी कि राजा 12 रानियों के साथ यहीं रहता था। इसके चर्चे दूर-दूर तक हैं तो क्यों न हमारी दी गर्इ स्लाइड्स में पिक्स पर क्लिक कर इस खूबसूरत महल की तस्वीरों के साथ जानें इसकी भव्यता के बारे में…

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