1592 ई. में बने इस महल को देख न सिर्फ मुगल शासक दांतों तले उंगली दबा लेते थे बल्कि अमरीकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश राजनेता भी बार—बार आना चाहते…
जयपुर•Sep 04, 2017 / 04:02 pm•
Vijay ram
जो रानी सबसे पहले मिलती, वही रूम चुन लेते थेः महाराजा मान सिंह जब युद्ध से वापस लौटकर आते थे तो यह स्थिति हो जाती थी कि वह किस रानी को सबसे पहले मिलने जाएं। इसलिए जब भी कोई ऐसा मौका आता था तो राजा मान सिंह इस भूल-भूलैया में इधर-उधर घूमते थे और जो रानी सबसे पहले मिल जाती थी उसी रानी के कक्ष में विश्राम के लिए चले जाते थे। आगे देखें अब भी एसी-कूलर से ज्यादा सुकून मिलता है महल में –
Hindi News / Jaipur / राजपूताना के राजसी ठाटबाट की झलक दिखाने वाले टॉप-10 ऐतिहासिक किले-महलों में से एक है जयपुर का ये पैलेस