गहलोत ने शुक्रवार को कांग्रेस वॉर रूम के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा राजस्थान सहित अधिकांश राज्यों में पेपर लीक हुए हैं,यहां तक कि आर्मी और ज्यूडशरी में भी पेपर लीक हुए हैं, यह हम सभी के लिए चिंता की बात है। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आर्मी बैकग्राउंड के लोगों को अध्यक्ष और सदस्य बनाए जाने के हमने प्रयास शुरू किए और अधीनस्थ बोर्ड में भी आर्मी बैकग्राउंड के आलोक राज को अध्यक्ष बनाया गया।
केसरी सिंह मेरे पास टिकट मांगने आए थे
गहलोत ने कहा कि मैं केसरी सिंह से सिर्फ एक बार मिला हूं, वो मेरे पास मकराना से टिकट मांगने आए थे, न तो कभी उन्होंने मुझसे आरपीएससी सदस्य बनने की मांग की थी और नहीं किसी ने उनके नाम की सिफारिश की थी। समय कम बचा था, हमारी सरकार ने सोचा कि 2 महीने चुनाव में व्यस्त रहेंगे लेकिन इसका नुकसान अभ्यार्थियों को नहीं होना चाहिए।
इसके लिए आर्मी बैकग्राउंड के कई लोगों के आवेदन आए हुए थे उनके रिकॉर्ड को देखते हुए उनके नाम की सिफारिश राज्यपाल को कर दी और राज्यपाल ने उनके नाम जारी कर दिया। मुझे भी थोड़ा लालच आ गया था कि मैं अपनी मकराना की सीट क्यों खराब करूं इसके लिए उनके नाम की सिफारिश कर दी थी, अब जो बयान सामने आ रहे हैं तो इसका मुझे बहुत दुख है।
गहलोत उनके बयानों के जो वीडियो सोशल मीडिया पर वाय़रल हो रहे हैं, उनसे मुझे बहुत धक्का लगा है। 22 साल तक आर्मी में रहने वाला व्यक्ति इस तरह की सोच का हो सकता है। गहलोत ने कहा कि वे अब आरपीएससी मेंबर बन गए हैं, मैंने चाहा था कि मैं उनको को बुलाकर बात करूं लेकिन वो मुझसे मेंबर बनने के बाद मिलने भी नहीं आए हैं।
किरोड़ी मीणा और केंद्र के बीच मिली भगत
इधर राजधानी जयपुर के एक मॉल में ब्लैक मनी होने के आरोपों पर सीएम गहलोत ने कहा कि किरोड़ी मीणा और केंद्र सरकार की मिली भगत है। उस मॉल में वो लॉकर किसके हैं, हमें क्या पता? धरने- प्रदर्शन करके सरकार को बदनाम उनकी पुरानी फितरत है। ईडी की कार्रवाई को लेकर गहलोत ने कहा कि अगर किसी ने बेईमानी की है तो उन पर छापे मारो और उनकी संपत्ति को कुर्क करो लेकिन अगर पॉलिटिकल दबाव में निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करके परेशान किया गया तो ये स्वीकार्य नहीं है।
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