प्रवेश शुल्क बढ़ाने के मामले में विश्वविद्यालय का तर्क है कि सिंडिकेट की बैठक से पहले ही यूजी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश शुल्क बढ़ाने का निर्णय हो गया था। सिंडिकेट के निर्णय से पहले आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। इसके अलावा पाठ्यक्रमों में अन्य किसी प्रकार की फीस नहीं बढ़ाई गई है।
रामसुख जाटोलिया, वित्तीय सलाहकार राजस्थान विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी ने छात्रों से धोखा किया है। जब निर्णय हो गया कि किसी भी तरह की फीस नहीं बढ़ेगी तो प्रवेश शुल्क क्यों बढ़ाया। विश्वविद्यालय को बढ़ा हुआ शुल्क वापस देना चाहिए।
विष्णु मीणा, छात्र प्रतिनिधि, एबीवीपी