सीएम अशोक गहलोत आज भूमिगत मेट्रो का दोपहर 12 बजे वर्चुअल उद्घाटन करेंगे, जिसके बाद जयपुर मेट्रो के 9 की बजाए 11 स्टेशन हो जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए होने वाले उद्घाटन समारोह के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, सहित नगरीय विकास और जयपुर मेट्रो के कई अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
कोविड के चलते किए गए बदलाव
कोरोना महामारी के चलते मेट्रो सफर के लिए कई तरह के बदलाव किए गए हैं। मेट्रो में सफर करने वाले को टिकट या कॉइन नहीं दिया जाएगा। इसके लिए कोई भी यात्री काउंटर से स्मार्ट कार्ड खरीद सकता है। जानकारी के मुताबिक मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक का किराया 26 रुपए रखा गया है। 2014 में शुरू हुए मेट्रो फेस वन बी के निर्माण का कार्य मार्च 2018 में पूरा होना था, लेकिन इसके ढाई साल बाद ये काम पूरा हो पाया है।
अब महज 26 मिनट में 11.3 किलोमीटर का सफर तय कर पाएंगे, और इसका शुल्क भी महज 26 रुपए होगा। जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को फेस वन बी पार्ट से राजस्व बढ़ोतरी की भी बड़ी उम्मीद है। मेट्रो में फिलहाल 21 हजार यात्री सफर कर रहे थे, अब अनुमान लगाया जा रहा है कि ये आंकड़ा बढ़कर 50 हजार तक पहुंच सकता है।
6 साल के बाद सपना साकार
जयपुर मेट्रो की भूमिगत मेट्रो सपना 2014 में देखा गया था जो अब जाकर सितंबर 2020 में पूरा हुआ है। इलके लिए 2, 190 दिनों का इंतजार करना पड़ा। हालांकि इस दौरान जयपुर मेट्रों के भूमिगत कामकाज के चलते परकोटे में आने-जाने और यहां रहने वाले स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। चांदपोल, छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर लंबे समय तक ट्रेफिक जाम की समस्या रही, सडकों को बंद रखा गया और यातायात को कई सालों तक डायवर्ट करना पड़ा।
इस दौरान कई विवाद भी हुए भूमिगत मेट्रो के कामकाज के दौरान कई ऐतिहासिक मंदिरों को ध्वस्त किया गया था, जिसके चलते परकोटे सहित कई स्थानों पर जनांदोलन भी देखे गए थे।