भाजपा सरकार के आखिरी छह महीनों के फैसलों पर कांग्रेस की सरकार बारीकी से परीक्षण करने जा रही है। यही वजह है कि मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में फैसलों की सिर्फ सूचनाएं लाने पर नाराजगी जताई गई। स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा मौजूद रहे।
बैठक के बाद धारीवाल ने बताया कि बैठक में कैबिनेट के आखिरी छह महीने के फैसलों की सूचनाएं रखी गई। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छह महीने के दौरान कैबिनेट के अलावा सभी विभागों और संस्थाओं के फैसलों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को ऐसे सभी फैसलों की फाइलें समिति के समक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि कुछ ऐसे फैसले हो गए हो, जो कि अफसर अब उसको छिपा रहे हैं। यदि इस तरह की हरकत की पुष्टि हो गई तो संबंधित अफसरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अगली बैठक में उद्योग और शिक्षा के फैसलों पर चर्चा
धारीवाल ने कहा कि हर बैठक में दो-दो विभागों के निर्णयों की समीक्षा की जाएगी। अगली बैठक फरवरी में होगी, जिसमें उद्योग और शिक्षा विभाग में किए गए अंतिम छह महीने के निर्णयों को रखा जाएगा।
कर्जमाफी की रिपोर्ट सीएम को सौंपी
किसान कर्ज माफी को लेकर सात मंत्रियों की कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। समिति के संयोजक धारीवाल ने बताया कि कर्ज माफी की रिपोर्ट पर फैसला अब मुख्यमंत्री स्तर पर होगा।