Jaipur News : कहते हैं कि हौसले बुलंद और कुछ करने की तमन्ना हो तो रास्ते खुद-ब-खुद आसान हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है शहर की दो सगी बहनों दीपाली और छवि शर्मा ने। दोनों बहनें मूक-बधिर हैं, लेकिन कला के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। पत्रिका प्लस से बातचीत में दोनों बहनों की संघर्ष की कहानी को इनके पिता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बयां किया है।
सुरेंद्र शर्मा कहते हैं कि दोनों बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए मैंने भारतीय स्टेट बैंक से वीआरएस लिया और खुद को बेटियों की देखभाल के लिए समर्पित कर दिया। अपनी बेटियों को सफलता की अविश्वसनीय ऊंचाइयों तक पहुंचाने का ही उद्देश्य है।
दोनों बहनों का कला के प्रति जुनून
सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि दीपाली शर्मा और छवि शर्मा वर्षों से पेंटिंग कर रही हैं। उनकी कलाकृतियां इतनी मनमोहक है कि लोगों को प्रभावित करती है। इसके अलावा इनकी पेंटिंग को सिंगापुर, न्यूयॉर्क, दुबई, दक्षिण कोरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थानों सहित विभिन्न प्रसिद्ध कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किया गया है।
यूएस मैगजीन के कवर पेज पर मिला स्थान
दीपाली शर्मा और छवि शर्मा को स्कूल के समय से ही पेंटिंग का शौक रहा है। दोनों बहनें पिछले 15 सालों से पेंटिंग बना रही हैं। विजुअल आर्ट में मास्टर्स के बाद दीपाली अब विजुअल आर्ट में ही पीएचडी कर रही हैं। वहीं, छवि शर्मा ने इसी प्रतिभा के दम पर यूएस की एक मैगजीन के कवर पेज पर स्थान मिला है।
राष्ट्रपति पुरस्कार की दौड़ में शामिल
सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि दीपाली और छवि शर्मा दोनों एक-दूसरे की बातें आसानी से समझ लेती हैं। दोनों बहनों के प्रयासों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन्हें राजस्थान सरकार की ओर से दिव्यांग जन राज्य कला पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा दीपाली को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भी नामांकन मिला। टाटा फाउंडेशन ने भी सबल अवार्ड के माध्यम से दीपाली की प्रतिभा को प्रथम स्थान से पुरस्कृत किया।