जयपुर

बड़े भाई सूरज की मौत, सदमे में अगले दिन जुड़वां भाई चांद ने भी छोड़ दी दुनिया

करण-अर्जुन फिल्म में जुड़वा भाइयों की कहानी सबके जहन में है। करण को चोट लगती तो अर्जुन को अहसास होता था। लेकिन असल जिदंगी में भी सावरदा निवासी दो जुड़वा भाई सूरज और चांद की कहानी कुछ इसी तरह ही थी।

जयपुरJan 31, 2023 / 12:33 pm

Santosh Trivedi

सावरदा/पत्रिका। करण-अर्जुन फिल्म में जुड़वा भाइयों की कहानी सबके जहन में है। करण को चोट लगती तो अर्जुन को अहसास होता था। लेकिन असल जिदंगी में भी सावरदा निवासी दो जुड़वा भाई सूरज और चांद की कहानी कुछ इसी तरह ही थी। दोनों एक साथ दुनिया में आए और 90 साल की उम्र में रविवार को सूरज की जिदंगी की सांझ ढली तो छोटा भाई चांद सदमा सह नहीं पाया और सोमवार सुबह सूरज उगने से पहले ही चांद ने दुनिया छोड़ दी। दोनों भाइयों की 12 घंटे के बीच हुई मौत चर्चा का विषय बनी हुई है।

जानकारी के मुताबिक मौजमाबाद के सावरदा में रामदेव साहू के घर 1933 में दो जुड़वा बेटे हुए। बड़े का नाम सूरज और छोटे का नाम चांद रखा गया। दोनों के आचार-विचार भी समान थे। ग्रामीणों की मानें तो दोनों भाइयों में यदि एक बीमार होता तो कुछ घंटों ही दूसरा भाई भी बीमार पड़ जाता था।

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करीब 90 वर्षीय बुजुर्ग सूरज की बीमारी के चलते रविवार शाम 5 बजे मौत हो गई। परिजन ने अंतिम संस्कार किया तो छोटे भाई चांद को पता चला कि सूरज नहीं रहा तो सदमा लगने से सोमवार सुबह 5 बजे उसने भी दुनिया छोड़ दी। सूरज और चांद की शादी हरमाड़ा गांव में दो सगी बहनों से हुई थी। सूरज के तीन पुत्र हैं जबकि चांद के आठ पुत्र हैं।

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