आरोपी वर्तमान में आन्ध्रप्रदेश में रह रहा था। लुहारों का खुर्रा निवासी जावेद जोया ने आरोपी के खिलाफ 5 जनवरी को ठगी का मामला दर्ज करवाया। जावेद ने बताया कि उसका पुरानी कारें खरीदने व बेचने का कारोबार है। क्रिकेट खेलने के दौरान आरोपी रिषभ से मुलाकात हुई।
आरोपी ने खुद को बताया था एटीएस अधिकारी
तब आरोपी ने खुद को एटीएस का अधिकारी बताया था। एक दिन आरोपी ने वाट्सऐप कॉल कर खुद का तबादला गुरुग्राम में हो जाना बताया और पुरानी कार बेचने की कहकर उसके दस्तावेज वाट्सऐप पर भेजे। कार का सौदा 7.40 लाख रुपए में किया।
पहले किराए पर ली कार, फिर खुद के नाम करवाई
पीड़ित गुरुग्राम से कार खरीदकर जयपुर ले आया और यहां आरटीओ पहुंचने पर फर्जीवाड़े का पता चला। आरोपी ने कार एक कंपनी से किराए पर ली थी और कार के दस्तावेज में बदलाव करके खुद के नाम कर ली थी।
गुरुग्राम में पकड़ा गया आरोपी
फर्जी दस्तावेज के आधार पर कार बेचकर 7.40 लाख रुपए की ठगी कर ली। तभी से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी। आरोपी के दिल्ली व गुरुग्राम होने का पता चलने पर पुलिस टीम वहां पहुंची और गुरुग्राम में उसको पकड़ लिया। आरोपी ने दो और वारदात कबूली
रामगंज थानाधिकारी देवेन्द्र प्रताप के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि ई-मेल आइडी के जरिये वाहन कंपनी से सेल्फ ड्राइविंग के लिए कार बुक करवाई।
इसके बाद कंपनी से कार के मिले कागजात में काट-छांट करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने इसी तरह दो और वारदात करना कबूला है, जिसकी पुलिस तस्दीक कर रही है।