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Tulsi Vivah Kartik Shukla Dwadwashi द्वादशी पर भी कर सकते हैं तुलसी—शालिग्राम विवाह, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

26 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वाद्वशी तिथि है। इस दिन तुलसी विवाह और पूजा का विधान है। हालांकि अधिकांश लोग तुलसी विवाह कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को करते है पर कुछ जगहों पर द्वादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि द्वादशी तिथि भी तुलसी विवाह के लिए तय की गई है।

जयपुरNov 26, 2020 / 09:16 am

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Tulsi Puja Vidhi Tulsi Vivah 2020 Shubh Muhurat 26 November 2020

Tulsi Puja Vidhi Tulsi Vivah 2020 Shubh Muhurat 26 November 2020

जयपुर. 26 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वाद्वशी तिथि है। इस दिन तुलसी विवाह और पूजा का विधान है। हालांकि अधिकांश लोग तुलसी विवाह कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को करते है पर कुछ जगहों पर द्वादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि द्वादशी तिथि भी तुलसी विवाह के लिए तय की गई है।
मान्यता है कि भगवान विष्णु ने दानव जलंधर का नाश करने के लिए छल से वृंदा के पतिव्रत धर्म को नष्ट कर दिया। इससे क्रोधित वृंदा ने भगवान विष्णु को शिला यानि पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया। माता लक्ष्मी की प्रार्थना पर वृंदा ने अपना श्राप वापस ले लिया और खुद जलंधर के साथ सती होकर भस्म हो गईं।
उनकी भस्म से एक पौधा निकला जिसे विष्णुजी ने तुलसी का नाम दिया और कहा कि अब से तुलसी के बिना वे कोई प्रसाद स्वीकार नहीं करेंगे। इसके साथ ही वे पत्थर में भी समाहित हो गए। तभी से इसी पत्थर को शालिग्राम के नाम से तुलसीजी के साथ पूजा जाता है। कार्तिक माह में भगवान शालिग्राम का तुलसीजी के साथ विवाह भी किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस दिन स्नान के बाद व्रत—पूजा का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की आराधना करें। विष्णुजी के विग्रह के सामने दीपक जलाएं, उन्हें फूल और भोग अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करें। हो सके तो विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। शाम को गन्ने के मंडप में श्रीगणेश की पूजा कर तुलसी के पौधे की पूजा करें।
तुलसी पर लाल चुनरी चढ़ाकर श्रंगार सामग्री अर्पित करें। शालिग्राम का विधिवत पूजन कर उनका विग्रह हाथ में लेकर तुलसीजी की सात परिक्रमा कराएं। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
तुलसी विवाह मुहूर्त—
द्वादशी तिथि प्रारंभ- 26 नवंबर 2020, गुरुवार को सुबह 5.10 बजे से
द्वादशी तिथि समाप्त- 27 नवंबर 2020, शुक्रवार को सुबह 7.46 बजे

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