जब कैबिनेट की बैठक समाप्त हुई तो उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी व संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों को जानकारी दी। बैठक के सभी महत्वपूर्ण निर्णय सुनाने के बाद जब पत्रकारों ने राजस्थान में कर्मचारियों को तबादले को लेकर सवाल पूछा तो संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया कि “ऐसा कोई समाचार होगा तो सबसे पहले आपको ही देंगे।” इसके बाद वे अन्य जानकारी देने लगे।
गत माह 28 अगस्त की कैबिनेट मीटिंग की समाप्ति के बाद ट्रांसफर को लेकर भी मंत्री जोागाराम पटेल से पत्रकारों ने सवाल पूछा था। तब मंत्री पटेल ने कहा था कि, “हम लोग पूर्व की सरकारों से कुछ अलग करने का विचार रखते हैं। ट्रांसफर हर सरकार का अधिकार होता है। कर्मचारियों का अधिकार भी होता है और नहीं भी होता है। लेकिन हम ट्रांसफर करें तो पूर्ण रूप से पारदर्शिता हो, निष्पक्षता हो। कर्मचारी को लगे कि मेरा इतने समय के बाद ट्रांसफर हो जानी चाहिए। आज हमने दो विभागों के ट्रांसफर को लेकर प्रारम्भिक भूमिका के रूप में चर्चा की है। शिक्षा विभाग व मेडिकल विभाग के ट्रांसफर को लेकर चर्चा हुई है। दोनों विभागों की ट्रांसफर पॉलिसी की भूमिका का प्रजेंटेशन पेश किया गया है। हम ऐसी ट्रांसफर पॉलिसी लाना चाहते हैं जिसमें गंभीरता से विचार होगा। हम सुझाव भी लेंगे। यह भी देखा जाएगा दूसरे प्रदेशों में क्या पॉलिसी है। आने वाले समय में अनेक विषयों में चर्चा करने के उपरांत, सभी परिस्थितियों के गुण व अवगुणों पर चर्चा करने के बाद ट्रांसफर करने व ट्रांसफर पॉलिसी लाने पर विचार किया जाएगा। आज केवल इसकी प्रारम्भिक स्तर पर इसका प्रजेंटेशन हुआ है। इसकी चर्चा हुई है।
सरकारी कर्मचारी पिछले लम्बे समय से तबादलों से प्रतिबंध हटाने की उम्मीद लगाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद थी कैबिनेट बैठक में इसका फैसला होगा। लेकिन पिछले दो बार से तो कैबिनेट बैठक स्थगित हो रही थी। अब 29 सितम्बर की कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर उम्मीद जगी थी कि इस बार तो तबादलों से प्रतिबंध हटाने संबंधी बड़ा निर्णय हो सकता है। लेकिन इस बार भी सरकारी कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी है।
सरकारी कर्मचारियों के अलावा विधायक व मंत्री भी सरकार पर तबादलों पर लगी रोक हटाने के लिए दबाव बनाने में लगे हैं।
मंत्रियों और विधायकों के दबाव के चलते राज्य सरकार तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार को अब यह तय करना है कि सभी विभागों से प्रतिबंध हटाए या अभी कुछ में ही। सरकार ऐसा भी कर सकती है कि शिक्षा सहित कुछ विभागों में ही तबादलों पर से प्रतिबंध हटाए। भाजपा सरकार बनने के बाद फरवरी में दस दिन के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया गया था लेकिन उस समय शिक्षा विभाग में तबादले नहीं किए गए थे। इस बारे में अगली कैबिनेट मीटिंग या अलग से भी राज्य सरकार निर्णय ले सकती है।