दरअसल, रेलवे ट्रैक पर असामाजिक तत्वों के द्वारा संदिग्ध वस्तुएं रखी जा रही है। इनके अलावा आए दिन मवेशी भी ट्रेन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अब रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 5 से 6 फिट ऊंची फेंसिंग कर रहा है ताकि ट्रैक पूरी तरह से सुरक्षित हो सके।
इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत सर्वाधिक रेल ट्रैफिक वाले प्रमुख रेलमार्ग चिन्हित किए गए हैं। जिनमें दिल्ली-अहमदाबाद वाया जयपुर, रेवाड़ी-पालनपुर, अजमेर-चित्तौडगढ़ समेत कई रूट शामिल है। इनमें कुल 1500 किलोमीटर रूट पर फेंसिंग की जाएगी। यह काम छह माह से चल रहा है। अब तक 500 किलोमीटर से ज्यादा रेलवे ट्रैक पर दोनों ओर फेंसिंग की जा चुकी है। संभवत: एक साल में यह काम पूरा हो जाएगा।
…फिर फुल स्पीड में दौड़ सकेगी वंदेभारत, समय बचेगा
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें महज 110 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से ही दौड़ पा रही है। ऐसे में सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत ट्रेन भी फुल स्पीड में नहीं दौड़ पा रही है। ट्रैक की दोनों ओर फेंसिंग होने के बाद यह ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेगी। कारण कि ट्रैक पर दुर्घटना का आंशका काफी कम हो जाएगी और ट्रैक सुरक्षित भी हो जाएंगे। इससे यात्रियों का समय भी बचेगा। वो अपने गंतव्य पर जल्द पहुंच पाएंगे। डिवाइस भी लगाई जा रही रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करने के लिए रेलवे तकनीकी काम भी इस्तेमाल कर रहा है। ट्रैक पर हॉट एक्सेल बॉक्स डिटेक्टर डिवाइस, कवच प्रणाली समेत कई तकनीकी प्रणाली, डिवाइस लगाई जा रही है। इससे रेल दुर्घटनों की रोकथाम हो सकेगी। साथ ही यात्रियों का सफर भी सुरक्षित होगा। दूसरी ओर, जोन में विद्युतीकरण का काम भी लगभग पूरा हो गया है। ऐसे में ट्रेनें अब फुल स्पीड में ही दौड़ेंगी। ईधन और समय दोनों की बचत होगी।
एक साल में पूरा हो जाएगा फेंसिंग का काम
रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करने और स्पीड बढ़ाने के फेंसिंग की जा रही है। छह महीने से यह काम चल रहा है, लगभग एक साल में पूरा हो जाएगा। अब तक 500 किमी से ज्यादा रेलवे ट्रैक पर यह काम पूरा हो चुका है। शुरुआत में यह काम सबसे व्यस्तम रूट पर किया जा रहा है।
-कैप्टन शशि किरण, सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे