मीटर गेज ट्रेक पर कामलीघाट, गोरमघाट तक मनोहारी छटा है। बारिश के समय यहां झरने बहते हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इसलिए रेलवे की ओर से इसे संरक्षित रखा जाएगा। सीनियर डीसीएम विवेक रावत ने बताया कि यहां रेलबस चलाई जाएगी। डीजल इंजन को स्टीम इंजन का आकार देकर यहां पांच डिब्बों की ट्रेन चलाई जाएगी। स्कूलों के ग्रुप और सैलानियों की आवश्यकता के अनुसार उन्हें रेलबस में सफर कराया जाएगा। लोग रेलबस को बुक भी करवा सकेंगे।
रेलवे द्वारा मावली से मारवाड़ के 108.5 किलोमीटर के मीटरगेज ट्रेक का आमान परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित है। इसके तहत पहले फेज में मावली से देवगढ़ तक आमान परिवर्तन को स्वीकृति मिल चुकी है। मावली से प्रारंभ होकर यह लाइन थामाला, मोगाना, नाथद्वारा, कांकरोली, कुंआरिया, चारभुजा रोड होते हुए देवगढ़ तक आएगी। देवगढ़ से मारवाड़ तक की लाइन को मीटरगेज ही रखा जाएगा। ऐसे में इस ट्रेक पर विस्टाडोम कोच और रेल बस से सैर कराई जाएगी।
मंडल रेल प्रबंधक, अजमेर राजीव धनखड़ ने बताया कि विस्टाडोम कोच विशेष प्रकार के टूरिस्ट कोच होते हैं। उनमें ग्लास की बड़ी खिड़कियां होती है। छत भी पारदर्शी होती है। विस्टाडोम पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेन में लगाए जाते हैं, जिनका किराया सामान्य दर से अधिक होता है। इनमें एक छोर पर बड़ी खिड़की के साथ ऑब्जर्वेट्री लाउंज भी होता है, जिससे सैलानी ट्रेन चारों ओर का नजारा देख सकते हैं।
एडीआरएम संजीव कुमार ने बताया कि यहां सिग्नल सहित रेलवे के सभी सिस्टम को संरक्षित रखा जाएगा। ताकि लोग सुंदर वादियों के साथ-साथ रेलवे की विरासत भी देख सकें।