प्रदेश में इस बार भारी बारिश हुई है। इससे हजारों किलोमीटर सडक़ें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सडक़ों की मरम्मत के लिए विधायकों और मंत्रियों का दबाव आया तो सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बजट के लिए प्रस्ताव भेजा। विभाग ने सरकार को बताया कि निजी वाहनों को टोल छूट ( Rajasthan State Highway Tolls List ) के चलते पहले की तरह राजस्व नहीं मिल रहा है। सरकार ने वित्त विभाग से परीक्षण करवाया और बजट की व्यवस्था के लिए निजी वाहनों से भी टोल वसूलने की तैयारी कर ली। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के लगभग 15 हजार किमी लंबे स्टेट हाइवे पर 150 से ज्यादा टोल बूथ हैं। इनसे रोज लगभग 2 लाख निजी वाहन गुजरते हैं।
सरकार के इस निर्णय के बारे में जब सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सुनील गुप्ता से जानकारी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं अधीक्षण अभियंता मनवर अली ने फोन स्विच ऑफ कर लिया।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ( Satish Poonia ) का कहना है कि प्रदेश की जनता तो दीपावली के तोहफे का इंतजार कर रही थी। लेकिन सरकार ने तो टोल माफिया के आगे झुकते हुए महज 300 करोड़ के राजस्व के लिए जनता के हित को नजर अंदाज कर दिया। यह सरकार का जन विरोधी फैसला है और पार्टी इसका विरोध करती है।