प्रदेश में लंबे समय से नए जिले बनाने की मांग हो रही है। जिनमें एक मांग कोटपूतली को भी नया जिला बनाने की है। इस क्षेत्र के लोग लम्बे समय से जिले की मांग कर रहे हैं। नए जिलों के गठन को लेकर अब तक गठित आयोग व समितियों ने भी जयपुर-दिल्ली मार्ग पर कोटपूतली को नया जिला बनाने की अभिशंषा की है। कोटपूतली को जिला बनाने की मांग करने वाले लोगों के लिए अब राहत की खबरें आ रही है।
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जानकारी के अनुसार जयपुर जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को कोटपूतली प्रस्तावित जिले की रिपोर्ट तैयार कर भेजी है। अब सरकार की इस रिपोर्ट पर मुहर लगे तो आगामी बजट में कोटपूतली को जिले का दर्जा मिल सकता है। इसके लिए जयपुर संभागीय आयुक्त ने गत दिनों बैठक कर जयपुर व अलवर जिला कलक्टर से नए जिले के प्रस्ताव पर अलग-अलग बिंदुओं पर अभिशंषा के साथ तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी।
प्रदेश में नए जिले बनाने के लिए सरकार की ओर से गठित की गई पूर्व आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी लगातार परीक्षण कर रही है। पिछले बजट में समिति का गठन कर रिपोर्ट देने के लिए छह माह का समय दिया गया था। लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं होने से इसका समय छह महिने और बढाने से अब समिति बजट से पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी।
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जनप्रतिनिधि लगातार राम लुभाया कमेटी के पास पहुंच कर अपनी अपनी रिपोर्ट व सुझाव पेश कर रहे है। क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव कोटपूतली को नया जिला घोषित कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। राज्यमंत्री ने गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोटपूतली को जिला बनाने की मांग बहुत पुरानी है और वे इस मांग से वाकिफ है।
कोटपूतली में एडीएम व एएसपी के कार्यालय सहित अन्य कई जिला स्तरीय कार्यालय पहले से मौजूद है। छात्र-छात्राओं के अलग-अलग महाविद्यालय, जिला स्तरीय बीडीएम अस्पताल के अलावा कलक्टरेट परिसर व रिजर्व पुलिस लाइन के लिए सैकडों बीघा भूमि कालूहेड़ा में आंवटित हो चुकी है।
प्रस्तावित कोटपूतली जिले में अलवर व जयपुर जिले के उपखण्ड व तहसीलें शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। यदि भविष्य में सब कुछ सही रहा तो प्रदेश में कोटपूतली का नाम भी ब्लॉक की जगह जिलों की गिनती में होने लग जाएगा। अब यदि कोटपूतली जिला की घोषणा होती है तो मिनी सचिवालय पनियाला मोड़ पर बनाया जाएगा।