रेल मंत्री ने कहा कि गोविंददेवजी मंदिर के दर्शन के लिए गया। दर्शन के दौरान रिंग रेलवे का खयाल आया। ये योजना चारो हिस्सों को जोड़ेगी। इससे आगामी 50 वर्ष का विकास हो सकता है।
शहर के बाहरी हिस्सों और सैटेलाइट टाउन इस प्रोजेक्ट से जोड़े जा सकते हैं। लोग काम करके वापस आ और जा सकेंगे। इससे लोगों की राह सुगम होगी। हालांकि, द्वितीय और तृतीय चरण की कनेक्टिविटी को भी बेहतर करना होगा। यानी ट्रेन से उतरने के बाद मेट्रो और बसें यात्री को तुरंत मिलें। विकसित देशों में सार्वजनिक परिवहन मल्टी मॉडल सिस्टम पर काम करता है। एक ही कार्ड से लोग रिंग रेलवे, मेट्रो से लेकर सिटी बस में सफर के दौरान किराया देते हैं।
-वीएस सुंडा, सेवानिवृत्त निदेशक, अभियांत्रिकी शाखा, जेडीए
Indian Railways: ट्रेन में कंफर्म टिकट, फिर भी होना पड़ रहा बे-टिकट, जानिए वजह
राजधानी में सार्वजनिक परिवहन का बुरा हाल-जयपुर में सार्वजनिक परिवहन का बुरा हाल है। जेसीटीएसएल सिर्फ 200 बसों का ही संचालन कर पा रहा है। जबकि, आबादी के हिसाब से 1500 बसों का संचालन होना चाहिए।
-मेट्रो फेज-2 का प्लान बने तो दस वर्ष से अधिक हो चुका। लेकिन अम्बाबाड़ी से सीतापुरा तक का प्लान अब तक धरातल पर नहीं आया है।