असल में चार दिशाओं में प्रस्तावित बस स्टैंडों पर बसों को रोकने और फिर इन्हीं से सिटी बसों के रियायती किराए पर यात्रियों को शहर में छोड़ने से यह योजना सफल हो सकती है। अगर ऐसा किया जाता है तो अजमेर रोड, दिल्ली रोड, आगरा रोड और
सीकर रोड से आने वाली बसों को शहर के बाहर ही बनाए गए बस स्टैंडों पर रोका जा सकता है। इससे शहर में भी भीड़भाड़ कम हो जाएगी।
नए रूटों से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही
हीरापुरा बस टर्मिनल पर यात्रियों का आवागमन बढ़ाने के लिए आरटीओ ने नए सार्वजनिक परिवहन रूट शुरू किए हैं। टर्मिनल के आसपास के इलाकों जैसे मानसरोवर, मांग्यावास, भांकरोटा, अजमेर रोड, वैशाली नगर, सिरसी, झोटवाड़ा और अन्य क्षेत्रों को जोड़ने के लिए नए रूट खोले गए हैं। हालांकि, इन रूटों पर ऑटो सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। इसके साथ ही, आरटीओ की ओर से सिंधी कैंप से संचालित होने वाली निजी बसों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है, लेकिन सिटी बसें शुरू नहीं हो पाईं।
टर्मिनल से 25% बसों का संचालन होगा
हीरापुरा बस टर्मिनल को शुरू करने के लिए परिवहन विभाग, जेसीटीएसएल, रोडवेज और यातायात पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। यह तय किया गया है कि टर्मिनल से अजमेर रोड की ओर जाने वाली बसों का संचालन होगा। रोडवेज 25% बसों का संचालन इस टर्मिनल से करेगा। यहां अजमेर रोड जाने वाली बसों के ठहराव के लिए बुकिंग काउंटर लगाए जाएंगे और लगभग 50 निजी बसों का संचालन भी होगा। इसके अलावा, सिटी और उपनगरों के मार्गों का सर्वे भी किया जा रहा है।
बस टर्मिनल की योजना पर काम नहीं
पिछले पांच वर्ष से इस योजना पर काम किया जा रहा है, लेकिन इसे अब तक धरातल पर नहीं उतारा जा सका है। इसी योजना के तहत अजमेर रोड स्थित हीरापुरा पर बस टर्मिनल का निर्माण किया गया था। यह बस टर्मिनल तैयार हो चुका है और इसे पांच महीने पहले शुरू करने की तैयारी भी की गई थी, लेकिन आज तक इसे चालू नहीं किया जा सका है। इस टर्मिनल से अजमेर रोड जाने वाली बसों का संचालन होना था, जिसमें रोडवेज और निजी बसों, दोनों का समावेश था।