राज्य में मुख्यमंत्री जनआवास योजना के तहत जरूरतमंदों को निर्धारित समय पर सस्ते आशियाने देने में सरकार नाकाम हो रही है। प्रदेश के 23 शहरों में 28 आवासीय प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, जिनमें फिलहाल 23 हजार से ज्यादा आवास (ईडब्ल्यूएस व एलआईजी) दिए जाने हैं। इनमें से करीब-करीब सभी प्रोजेक्ट में काम देरी से चल रहा है। कई प्रोजेक्ट में तो हालात यह है कि 5 से 10 साल से काम अटका हुआ है। सरकार का तर्क है कि ज्यादातर मामलों में कोविड के कारण आवंटियों ने तय राशि जमा नहीं कराई। इससे बिल्डर-विकासकर्ताओं को भी भुगतान नहीं किया जा सका है। साइड इफेक्ट यह रहा कि कई बिल्डरों ने काम रोक दिया या फिर गति धीमी कर दी।