डब्लयूएचओ ने इस बीमारी को कोरोना की तरह हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। लेकिन देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार अभी भी मंकीपॉक्स के खतरे को लेकर चेती नहीं है। सिर पर मंकीपॉक्स का खतरा मंडरा रहा है लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर अभी तक ना केंद्र सरकार चेती है और ही ना राज्य सरकार। ऐसे में सरकारों की लापरवाही के कारण कहीं कोरोना की तरह मंकीपॉक्स भी भारी नहीं पड़ जाए।
अभी तक जयपुर एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग तक नहीं
मंकीपॉक्स से देश में एक मरीज की मौत हो चुकी है। 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला आया था। लेकिन सरकारों ने अभी तक भी मंकीपॉक्स की स्क्रीनिंग और जांच को लेकर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था लागू नहीं की है।
जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना 40 की संख्या में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट आती जाती है। लेकिन यहां पर मौजूद चिकित्सा विभाग की टीम को अभी तक मंकीपॉक्स की स्क्रीनिंग को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है।
जयपुर प्रथम सीएमएचओ डॉ.नरोत्तम शर्मा का कहना है कि चिकित्सा विभाग की टीम एयरपोर्ट पर मौजूद है। जो हर मरीज पर निगरानी रखती है। लेकिन स्क्रीनिंग की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। आने जाने मरीजों पर टीम नजर रखी हुई जिसे अगर किसी मरीज में कोई लक्षण दिखाई देते है तो उसे आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए है। यात्रियों की मंकीपॉक्स की स्क्रीनिंग को लेकर कोई दिशा निर्देश अभी नहीं मिले है।
कोरेना को लिया था हल्कें में,मचा दिया हाहाकार
देश में कोरोना वायरस का पहला मरीज 30 जनवरी 2020 को केरल में मिला था। जो भी विदेश से भारत में पहुंचा था। लेकिन सरकारों ने इसे हल्के में लिया था। इसके बाद कोरोना के केस तेजी से देश में बढ़े और मौत होने का सिलसिला शुरू हुआ तो देश में एक नहीं कुल तीन लहर कोरोना की आई और हाहाकार मच गया।
कोरोना का पहला केस मिलने के बाद सरकार ने लॉकडाउन लगाने में देरी कर दी।
दो माह बाद जब 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगा तब तक संक्रमण फैल चुका था और फिर यह अभी तक नहीं रूका। अब एक बार फिर देश में और राजस्थान में कोरोना के केस बढ़ने लगे है। सरकारों की लापरवाही कोरोना को अब तक नहीं रोक पाई और मंकीपॉक्स से पहली मौत हो गई।
कोरोना के समय जो की लापरवाही वहीं लापरवाही मंकीपॉक्स में
-जयपुर में मंकीपॉक्स जांच की सुविधा नहीं
-कोरोना की जांच के लिए सैंपल भी पूणे भेजे गए थे और अब मंकीपॉक्स के सैंपल भी वहीं भेजे जा रहे।
-कोरोना के शुरू में एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब मंकीपॉक्स में भी वहीं गलती।
-कोरोना की तरह मंकीपॉक्स की वैक्सीन जरूरी लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं।
-कोरोना की वैक्सीन आने में देरी हुई। मंकीपॉक्स की वैक्सीन की कोई चर्चा तक नहीं।
-विदेशी फ्लाइट पर कोई रोक या निगरानी नहीं।
-एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन या बस अड्डों पर किसी की कोई जांच नहीं।
-कोरोना के समय अस्पतालों में जांच की सुविधा देरी से शुरु हुई। अब मंकीपॉक्स में भी ऐसा ही।