खाद्य तेल की स्टॉक सीमा खुदरा विक्रेताओं के लिए 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल, बड़ी खुदरा श्रृंखला वाले विक्रेताओं और दुकानों के लिए 30 क्विंटल और इसके डिपो के लिए 1000 क्विंटल थी। खाद्य तेलों के प्रोसेसर्स अपनी भंडारण/उत्पादन क्षमता के 90 दिनों तक का स्टॉक कर सकते थे। लेकिन, सरकार के स्टॉक लिमिट के हटाते ही एक बार फिर से खाद्य तेल के दाम बढ़ने लग गए है।
पिछले कुछ सालों से देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ा है। ये अच्छे संकेत हैं। फिर भी अभी लंबा सफर बाकी है। अभी भी 55 से 60 फीसदी खाद्य तेलों का आयात होता है। भारत दुनिया में पाम ऑयल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल जैसे खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में देश में 11 लाख बोरी सोयाबीन, 4 लाख बोरी सरसों तथा 8 लाख बोरी मूंगफली की प्रतिदिन आवक हो रही है।
बीते एक महीने के दौरान देश में खाद्य तेलों के दाम 15 से 30 रुपए किलो तक बढ़ चुके हैं। महीने भर में रिफाइंड सोयाबीन तेल के थोक भाव बढ़कर 145 से 150 रुपए, सरसों तेल के दाम बढ़कर 150-145 रुपए, सूरजमुखी तेल के भाव बढ़कर 170 से 175 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं।