scriptजयपुर में पहली मौसम वैधशाला 1875 में हुई थी शुरू: 43 साल पहले अमरीका से आती थी एक सेटेलाइट फोटो, अब हर 15 मिनट में जारी | The Meteorological Department Has Completed 150 Years Weather Observatory Started Jaipur in 1875 | Patrika News
जयपुर

जयपुर में पहली मौसम वैधशाला 1875 में हुई थी शुरू: 43 साल पहले अमरीका से आती थी एक सेटेलाइट फोटो, अब हर 15 मिनट में जारी

IMD Foundation Day: देश के मौसम विभाग को स्थापित हुए 150 साल हो गए हैं। 15 जनवरी 1875 को मौसम विभाग की स्थापना हुई थी।

जयपुरJan 15, 2025 / 08:04 am

Alfiya Khan

विजय शर्मा
जयपुर। देश के मौसम विभाग को स्थापित हुए 150 साल हो गए हैं। 15 जनवरी 1875 को मौसम विभाग की स्थापना हुई थी। तब विभाग का कार्य केवल तापमान और बारिश मापने तक सीमित था। लेकिन आजादी के बाद, जैसे-जैसे भारत ने तकनीक में प्रगति की, मौसम विभाग भी अपडेट हुआ।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 43 साल पहले भारत के पास अमरीका से सेटेलाइट फोटो आती थी, जबकि आज देश का मौसम विभाग हर 15 मिनट में सेटेलाइट फोटो जारी कर रहा है।

1947 में शिफ्ट हुई एयरपोर्ट के पास

भारत में मौसम विज्ञान से संबंधित सबसे पुरानी वेधशालाएं हैं। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए कई स्टेशन स्थापित किए थे। सबसे पहली वेधशाला मद्रास (चेन्नई) में 1793 में बनाई गई. इसके बाद कोलकाता और मुंबई में भी वेधशालाएं स्थापित की गई। राजस्थान में पहली मौसम वेधशाला अजमेर में 1866 में स्थापित की गई। जयपुर में 1875 में नाटाणी का बाग में मौसम वेधशाला स्थापित की गई, जिसे बाद में 1947 में जयपुर एयरपोर्ट पर शिफ्ट किया गया।

नई तकनीक से इन क्षेत्रों में मदद

  • अब लोग मौसम की जानकारी मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।
  • डॉपलर वेदर रडार से अचानक आंधी-तूफान की सूचना 2 से 4 घंटे पहले मिलती है।
  • प्रदेश में 64 ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन से जिलों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है।
  • कृषि, परिवहन, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में मौसम विभाग का योगदान अहम हो गया है।

40 किलोमीटर ऊंचाई तक बैलून भेजने की तकनीक

मौसम विभाग आरएसआर डब्ल्यू ऑब्जर्वेशन तकनीक का नियमित रूप से उपयोग कर रहा है। इस तकनीक के तहत 40 किलोमीटर ऊंचाई तक वातावरण को मापा जाता है। वैलून में सेंसर और माइक्रोमीटर सहित अन्य संसाधन भेजे जाते हैं, जो वातावरण से मौसम की गतिविधियों का डेटा सुपर कंप्यूटर में फीड करते हैं। इससे सटीक मौसम पूर्वानुमान में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, भारत अब पडोसी देशों को भी सैटेलाइट फोटो उपलब्ध करा रहा है।

देश ही नहीं, दुनिया भर में पहचान

150 वर्ष में मौसम विभाग ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं। भारत का मौसम विभाग नई-नई तकनीकों के साथ देश ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका है। राधेश्याम शर्मा, निदेशक, मौसम केन्द्र जयपुर

Hindi News / Jaipur / जयपुर में पहली मौसम वैधशाला 1875 में हुई थी शुरू: 43 साल पहले अमरीका से आती थी एक सेटेलाइट फोटो, अब हर 15 मिनट में जारी

ट्रेंडिंग वीडियो