वे गांव के नजदीक ही स्थित गुर्जर मौहल्ले के पास तोरण मारने के लिए आए थे। उसके बाद विवाह समारोह आयोजित किया जाना था। लेकिन गुर्जर और माली समाज के लोगों ने दूल्हों के घोड़ी पर बैठकर तोरण मारने का विरोध किया। मामला बढ़ा तो पुलिस अफसर वहां पहुंचे। उनके सामने ही तीनों को घोड़ी से उतारा गया और उसके बाद कार में तोरण मारने के लिए रवाना किया गया। तोरण मारने के बाद आयोजित विवाह समारोह के दौरान भी पुलिस तैनात रही।
माहौल तनावपूर्ण रहा लेकिन शादी के बाद पुलिस भी लौट गई। उधर जयपुर के नरेना मे भी देर रात इसी तरह का मामला सामने आया। बाद में पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और दोनो पक्षों से समझाईश की गई।