scriptकर्मचारी की शुगर मिल्स की सेवा काल की गणना किए बिना सेवानिवृति करने पर हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग से मांगा जवाब | The High Court sought a reply from the Panchayati Raj Department on the retirement of an employee without calculating his service period in the sugar mills | Patrika News
जयपुर

कर्मचारी की शुगर मिल्स की सेवा काल की गणना किए बिना सेवानिवृति करने पर हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग से मांगा जवाब

सेवा निवृति के समय प्रार्थी की पूर्व की सेवाओं की गणना सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए नही की गई।

जयपुरOct 26, 2024 / 09:16 pm

Manish Chaturvedi

Rajasthan High Court
जयपुर। सेवानिवृत्त कर्मचारी बाबुलाल मेघवाल सन 1975 में लिपिक ग्रेड-iv के पद पर केशोराय पाटन शुगर मिल्स में नियुक्त किया गया था। जिसे सन 1978 में स्थाई कर दिया गया। सन 2003 में मिल्स के अधिशेष कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लिया गया । जिसमें प्रार्थी का नाम भी शामिल था। उसके पश्चात प्राथी को सन 2010 में ग्राम सेवक के पद पर स्थाई रूप से पंचायती राज विभाग में समायोजित कर दिया गया। तथा 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सन 2013 में सेवा निवृत्त कर दिया गया।
लेकिन सेवा निवृति के समय प्रार्थी की पूर्व की सेवाओं की गणना सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए नही की गई। इसके अतिरिक्त सेवानिवृत्ति के लगभग 7 वर्ष बाद वसूली की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई तथा प्रार्थी से अवैध रूप से वसूली की गई। जिससे व्यथित होकर प्रार्थी ने राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर में याचिका प्रस्तुत की।
प्रार्थी के अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने न्यायालय को बताया कि प्रार्थी केशोराय पाटन शुगर मिल्स में स्थाई कर्मचारी था। वह CPF स्कीम सदस्य था। प्रतिनियुक्ति व समायोजन के पश्चात् प्रार्थी पंचायती राज विभाग का स्थाई कर्मचारी हो गया। चूंकि केशोराय पाटन शुगर मिल्स सरकार का ही उपक्रम है। ऐसी स्थिति में नियमानुसार प्रार्थी की पूर्व की सेवा की गणना सेवानिवृति लाभ के लिए किया जाना विभाग की जिम्मेदारी थी। जबकि विभाग ने प्रार्थी के खिलाफ अवैध वसूली की कार्यवाही की। न्यायालय ने प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए पंचायती राज विभाग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश पारित किए।

Hindi News / Jaipur / कर्मचारी की शुगर मिल्स की सेवा काल की गणना किए बिना सेवानिवृति करने पर हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग से मांगा जवाब

ट्रेंडिंग वीडियो