भूपेन्द्र सैनी ने कहा कि जनजाति समुदाय की लुप्त होती लोक संस्कृति को संजोने और संरक्षण देने के उद्देश्य से जनजाति क्षेत्र के ६ जिलों (उदयपुर, बारां, सिरोही, बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़) को चुना गया है। यहां युवा महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां चुने गए कलाकारों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता में वृद्धि करने का प्रयास किया गया। ये चुने गए कलाकार राज्य स्तरीय महोत्सव में शिरकत करेंगे।
सैनी ने बताया कि महोत्सव में लोक नृत्य, लोक गीत, संगीत, वाद्य
यंत्र जो विलुप्त होने के कगार पर है, की प्रस्तुति दी जाएगी। सामूहिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को १५,१० व ७ हजार तथा एकल प्रतियोगिता के विजेताओं ३,२ तथा एक हजार का पुरस्कार दिया जाएगा। सैनी ने इस मौके पर नशा मुक्ति को लेकर चलाए जा रहे जागरुकता अभियान के दूसरे चरण का पोस्टर भी जारी किया। इस मौके पर बोर्ड के सचिव कैलाशचन्द पहाडिय़ा भी मौजूद रहे।
राजस्थान युवा बोर्ड का राज्य स्तरीय जनजाति युवा सांस्कृतिक प्रतिभा खोज महोत्सव २८ फरवरी को उदयपुर में होगा। मोहन लाल सुखाडिय़ा रंग मंच टॉउन हॉल में सुबह १० बजे उद्घाटन व शाम ४ बजे समापन समारोह होगा। महोत्सव में प्रदेशभर के ४०० से अधिक कलाकार शामिल होंगे। कार्यक्रम में संास्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कला रत्न पुरस्कार भी दिए जाएंगे। यह जानकारी युवा बोर्ड के अध्यक्ष (राज्यमंत्री) भूपेन्द्र सैनी ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए दी।