इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की थीम रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज रखी गई है, लेकिन इस पर जयपुर के दोनों नगर निगम खरे नहीं उतर पा रहे है। 1800 मैट्रिक टन कचरे में से सिर्फ 450 टन कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है, जबकि 1400 मैट्रिेक टन कचरे का निस्तारण नहीं होने से कचरे के पहाड़ बनते जा रहे है।
रि—ड्यूज के नाम पर शहरी सरकार की तैयारी अभी तक जीरो है। घरों में कचरा कम पैदा हो, इसे लेकर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है। दोनों नगर निगमों ने इस पर कभी फोकस भी नहीं किया है। हालांकि अब दोनों नगर निगमों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के तहत नगर निगम गे्रटर में संभाग स्तरीय एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें नगरीय निकायों को आगामी सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। पीपीटी के माध्यम से बेहतर परफाॅर्मेस करने के बारे में बताया गया। कार्यशाला में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में जनप्रतिनिधियों और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों को साथ लेकर आमजन में भी स्वच्छता का संदेश फैलाने पर फोकस किया गया।
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अलग-अलग अंक निर्धारितग्रेटर नगर निगम उपायुक्त स्वास्थ्य नवीन भारद्वाज का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज (आरआरआर) थीम को रखा गया है, जिसमें देश के कुल 4800 शहर भाग लेंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रत्येक गतिविधी के अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं।