यूं हो रहा फर्जीवाड़ा ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाडि़यों को राजकीय सेवा में फायदा पहुंचाने के लिए खेल पॉलिसी तैयार की गई। एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी (एआईयू) और स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के खेलों को भी शामिल किया गया। इनके सिर्फ ओलंपिक खेल ही मान्य थे, लेकिन पॉलिसी में इसका जिक्र नहीं किया। इसका फायदा उठाकर नॉन ओलंपिक खेल भी भर्तियों में शामिल हो रहे हैं। अभ्यर्थी नॉन ओलंपिक खेलों के फर्जी सर्टिफिकेट भर्तियों में लगा रहे हैं। इसका नुकसान वास्तविक खिलाडि़यों को हो रहा है।
जांच में मिले फर्जी प्रमाण पत्र
शिक्षक और पीटीआई भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगा दिए। अधीनस्थ बोर्ड ने अपने स्तर पर जांच कराई तो कई फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट मिले। बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई भी की है।
शिक्षक और पीटीआई भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगा दिए। अधीनस्थ बोर्ड ने अपने स्तर पर जांच कराई तो कई फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट मिले। बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई भी की है।
टॉपिक एक्सपर्ट
नीति में हो संशोधन और दिव्यांग प्रमाण पत्रों की हो दोहरी जांच राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि भर्तियों में बढ़ रहे फर्जी प्रमाण पत्रों के लिए सरकार को पॉलिसी में संशोधन करना होगा। वर्तमान में बनी खेल नीति में संशोधन कर सिर्फ ओलंपिक खेलों को ही शामिल करने का प्रावधान करना चाहिए। इसके अलावा दिव्यांग प्रमाण पत्रों की दोहरी जांच करवाई जानी चाहिए। इससे फर्जी प्रमाण पत्र रुकेंगे। भर्तियों में पारदर्शिता आएगी।
भर्तियों में लगातार बढ़ रहे फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सरकार स्तर पर पहुंचाया है। हमने कार्मिक विभाग को भी पत्र लिखा है। कई भर्तियों में ऐसे मामले सामने आए हैं, ऐसे अभ्यर्थियों पर बोर्ड ने सख्त कार्रवाई भी की है।
– आलोक राज, अध्यक्ष राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड