कुछ माह बाद पेट में फिर से दर्द शुरू हो गया। परिजन उसे यहां एसएमएस अस्पताल लेकर आए। जांच में पता चला कि उसकी पित्त की थैली में छह एमएम की पथरी है, लेकिन उसे निकालना मुश्किल था क्योंकि दोबारा सर्जरी होने से दिक्कत हो सकती थी। जटिलता के बाद भी उसका आइसीजी तकनीक से ऑपरेशन किया गया। जिसमें पित्त की थैली से पथरी के टुकड़े को निकाला गया। सर्जरी के दौरान पित्त की थैली में 5 क्लीप और एक छोटी पथरी थी। यह ऑपरेशन जटिल था इसलिए इसे इंटरनेशनल जनरल में भेजा जाएगा। डॉ सुनील चौहान ने बताया कि सर्जरी करीब डेढ़ घंटे में पूरी हुई थी। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।