गंभीर मरीजों की पहचान कर उनका उपचार अस्पताल में अब मरीजों का इलाज कैटेग्राइजेशन के जरिए किया जाएगा। यानी संदिग्ध, स्थिर व गंभीर मरीजों की पहचान कर उनका उपचार किया जाएगा, साथ ही उन्हें अलग-अलग वार्ड में रखा जाएगा। वहीं स्वाइन फ्लू के बढ़ते असर को देखते हुए अस्पताल में तीन आईसीयू रिवर्ज किए हैं। इसी के साथ अब अस्पताल में २४ घंटे आउटडोर शुरू किया गया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से पूर्ण आईसीयू एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में घायल मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से पूर्ण आईसीयू बनाने की तैयारी हो रही है। परिवहन विभाग की ओर से 7 करोड़ रुपए लागत से बनने वाले इस आईसीयू में मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। 18 बैड के इस प्रस्तवित आईसीयू में डबल एयर शावर और हीमा फिल्टर जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिसके जरिए संक्रमण न तो बाहर से अंदर जाएगा, न अंदर से बाहर आ पाएगा। चिकित्सक अपने मोबाइल के जरिए ही आईसीयू की मॉनिटरिंग कर सकेंगे।