मिटटी के घर और बचपन का कैनवास
मुंबई से आए आर्टिस्ट नागेश गौड़के महाराष्ट्र की धरोहर से काफी प्रभावित रहे है। ऐसे में उन्होंने एग्जीबिशन में महाराष्ट्रियन आर्किटेक्चर से प्रेरित ‘विलेज एस्केप’ थीम पर ऐक्रेलिक ऑन कैनवास माध्यम में कलाकृतियां तैयार की। जहां मिटटी के घर, ढलान वाली छत, और ज़मीनी रंगों से उन्होंने अपनी पेंटिंग्स में महाराष्ट्र को उतारने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि राजस्थान के आर्किटेक्चर से मैं हमेशा काफी प्रभावित रहा हूं। इस वर्कशॉप के दौरान मुझे नाहरगढ़, आमेर और हवा महल देखने का मौका मिला। अब मैं इस शानदार धरोहर को अपने कैनवास पर पेंट करने को उत्सुक हूं।
पेंटिंग्स में बचपन और यौवन दर्शाया
आगरा की आर्टिस्ट कृति सक्सेना ने बताया कि एक्रेलिक के मीडियम से कलाकृतियां तैयार की। जिन में आप मनुष्य भावनाओं व मनोविकारों को कैनवास पर जीवित देखेंगे, पेंटिंग्स में बचपन और यौवन दर्शाया है। जिसमें युवती का बचपन में भाव और एक युवती के जीवन में यौवन की दस्तक के बाद उसके जीवन में बदलावों को मैंने कैनवास पर उकेरा है। भोपाल से आर्टिस्ट कुसुम लता ने प्रतीकात्मक और अमूर्त शैलियों के फ्यूज़न के साथ अपनी कलाकृति प्रस्तुत की। उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग्स में उन्होंने मनुष्य, जीवन और श्रिष्टि के आपसी ताल-मेल और अनदेखे धागों को प्रदर्शित किया।