ऐसे लोग आज तक यह समझ नहीं पाए हैं कि टीके से पहले कभी वे हृदय रोग, बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार नहीं हुए, लेकिन अब वे इससे गुजर रहे हैं। इसका कारण क्या है। इन्हें शंका है कि टीेके के कारण ये परेशानियां हुईं। हैरत की बात यह है कि जिलों में विशेषज्ञों से सलाह लेने पर इनकी शंका का उचित समाधान भी नहीं हो पा रहा है और न ही केन्द्र व राज्य सरकार ने दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के होने या नहीं होने पर कोई भी आधिकारिक अध्ययन अभी जारी किया है।
शंका समाधान के लिए जरूरी अध्ययन
कोविड टीकाकरण अब करीब-करीब पूरा हो चुका है। अच्छी बात यह है कि यह कार्यक्रम अब तक लगभग सफल रहा है। लेकिन इसके बावजूद कई लोग टीके के बाद उन्हें हुई बीमारियों को टीके से जोड़ रहे हैं। हैरत की बात यह है कि विशेषज्ञ भी उनकी शंका का बिना किसी अध्ययन के प्रामाणिकता से जवाब नहीं दे पा रहे हैं। मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. वीरेन्द्र सिंह के अनुसार कभी-कभी इस तरह के दुष्प्रभाव को लेकर लोग आते हैं और उसे टीके से जोड़कर देखते हैं।
सर्वे के नतीजे
सवाल : क्या आपको कोविड टीकाकरण के तत्काल बाद दुष्प्रभाव हुए?
ए : हां 73.60 बी : नहीं 26.4 सवाल : शरीर में किस तरह के दुष्प्रभाव हुए? ए : सामान्य बुखार, थकान, सिरदर्द 37.7
बी : कोई नहीं 55.7 सी : अन्य 6.6 सवाल : क्या आपको दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी हुए? ए : हां 14.1 बी : नहीं 85.9 सवाल : दीर्घकालिक दुष्प्रभाव हुए तो वे किस तरह के थे?
ए : हृदय रोग 82.6 बी : बीपी, डायबिटीज व अन्य 17.4 सवाल : क्या यह बीमारियां पहली बार हुई? ए : हां 19.2 बी : नहीं 15.9 सी : कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ 64.9
सवाल : दुष्प्रभाव होने के बाद क्या आपने किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह ली? ए : हां 16.7
बी : नहीं 14.6
सी : जरूरत ही नहीं पड़ी 68.7
सवाल : क्या विशेषज्ञ चिकित्सक शंका समाधान कर पाए?
ए : हां 42.3
बी : नहीं 57.7 सवाल : क्या सरकार को दीर्घकालिक दुष्प्रभावों पर अध्ययन करवाना चाहिए? ए : हां 72.3 बी : नहीं 27.7 सवाल : क्या आप सरकार के टीके के अभी तक के दुष्प्रभाव जानने की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं ?
ए : हां 73.3 बी : नहीं 26.7