इनकी हुई गिरफ्तारी, छह की पड़ताल जारी
एडीजी, एसओजी वीके सिंह ने बताया कि दो दिन पहले पोरव कालेर, स्कूल संचालक दिनेश सिंह व साल्वर नरेश दान तथा प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ के आधार पर आरएसी प्लाटून कमांडर प्रभा विश्नोई को जोधपुर के राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर तथा थानेदार मनीषा सिहाग व अंकिता गोदारा को आरपीए से गिरफ्तार किया है। सभी से पूछताछ के बाद छह और प्रशिक्षु थानेदारों की पहचान हुई है। उनकी भूमिका की पड़ताल जारी है।
कालेर गैंग से पूछताछ में हुए खुलासे
अभी तक एसओजी ने 32 प्रशिशु थानेदार और तीन वे अभ्यर्थी गिरफ्तार किए थे जो परीक्षा पास करने के बाद भी जॉइन करने नहीं आए थे। इन सभी ने पेपर जगदीश विश्नोई गैंग से लिए थे। इनमें शामिल प्रशिक्षु थानेदार मनीष बेनीवाल व जयराज सिंह पूछताछ में बताया था कि उन्होंने पेपर बीकानेर की कालेर गैंग से लिया था। आरोपियों ने ब्लूटूथ से नकल की थी। इसके बाद एसओजी ने बीकानेर की कालेर गैंग की पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए।
कालेर गैंग पर की पुलिस ने मेहरबानी!
पाली में 13 सितम्बर को पहली पारी के दौरान ही परीक्षा केन्द्र पर वीक्षक ने अभ्यर्थी राजेश बेनीवाल को पकड़ा, जिसके पास मोबाइल मिला। मोबाइल में पेपर के साथ प्रश्नों के सीरियल से उत्तर भी मिले। पुलिस ने बेनीवाल के सहयोगी नरेन्द्र खींचड़ को पकड़ा जो बाहर कार में बैठा अन्य अभ्यर्थियों को पेपर हल करवा रहा था। नरेन्द्र ने यह पेपर कालेर गैंग से ही लिया था, जो बीकानेर के एक परीक्षा केन्द्र से चुराया गया था। सूचना पर बीकानेर पुलिस ने मुरलीधर व्यास कॉलोनी में लीक पेपर के साथ छह जनों को पकड़ा। इनके पास हिंदी का वह पेपर मिला, जिसकी परीक्षा उस दौरान चल रही थी। पुलिस ने राजू मैट्रिक्स, नरेन्द्र खींचड़ के चचेरे भाई विकास, पेपर साल्वर नरेश दान चारण, स्कूल संचालक दिनेश सिंह चारण व अन्य आरोपी पकड़े। उनके मोबाइल व लैपटॉप में मूल पेपर की फोटो भी मिल गई। इसके बाद भी बीकानेर पुलिस ने मामला दबा दिया। न गैंग की पड़ताल की न ही उन अभ्यर्थियों की तलाश की, जिनके पास पेपर पहुंचा था।
राजू मैट्रिक्स ने चुराया था पेपर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह शेखावत ने बताया कि राजू मैट्रिक्स ने दोनों पारियों के पेपर हथियाने के बदले बीकानेर की श्रीराम सहाय आदर्श सीनियर सैकंडरी स्कूल के सचिव दिनेश सिंह चौहान को प्रतिदिन पांच लाख रुपए देना तय किया था। एक दिन पहले 12 सितम्बर को तीन लाख रुपए दे भी दिए। राजू मैट्रिक्स स्कूल में परीक्षा के दिन कर्मचारी के रूप में उपस्थित रहा और परीक्षा शुरू होते ही पेपर चुराया। ये पेपर नरेशदान चारण से हल करवाए। वहां छह युवक और बैठे थे जो पेपर हल होते ही अपने-अपने परिचितों को भेज रहे थे। इनमें पाली में पकड़े गए नरेश खींचड़ का चचेरा भाई भी था। बीकानेर पुलिस ने मास्टर एग्जाम ग्रुप को भी नहीं खंगाला परीक्षा के दौरान हुई कार्रवाई में पुलिस को मोबाइल में पेपर मिल गया था। राजू मैट्रिक्स व अन्य आरोपियों की पोरव कालेर के साथ हुई चैट भी मिल गई थी। यहां तक की एक वाट्सऐप ग्रुप मास्टर एग्जाम की भी जानकारी मिल गई थी। इसके बाद भी पुलिस ने गिरोह को अभयदान दे दिया। जबकि इसी ग्रुप ने रुपए लेकर कई युवाओं को परीक्षा दिलवाई थी जो थानेदार बने।