ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि यह बहुत शुभ योग (Shubh yog) है। इस योग में शुरू किया गया कोई भी कार्य बड़ा फलदायी होता है। इसके साथ ही जीवनभर सुख देने वाला होता है। आयुष्मान योग (Ayushman yog) में शुरू किए गए कार्य कभी विफल नहीं होते हैं। यही कारण है कि इस योग को बहुत मंगलकारी माना गया है।
इस योग में पैदा हुए जातक भी विशेष होते हैं। ऐसे लोग लंबा, सुखमय और सम्पूर्ण जीवन जीने वाला होते हैं। आयुष्मान योग में जन्मे लोग बहुत पूजा—पाठ, मान्यता आदि के बाद गुरु, संतो आदि के आशीर्वाद से पैदा होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार ऐसे जातकों को जिंदगी में छोटे—मोटे दुख ही मिलते हैं हालांकि जीवनसाथी से कष्ट जरूर होता है।
इनमें प्राय: सभी के लिए सदभावना होती है। इनके विरोधी या दुश्मन जातक का कितना भी बुरा चाहे फ़िर भी इनका कुछ नहीं बिगडता. जातक खुद में ही मस्त रहता है। इन जातकों की सबसे खास बात यह है कि यदि ये किसी को भूल से भी आशीर्वाद दे दें तो वह सफ़ल जरूर होता है. इसके विपरीत किसी के प्रति गलत भावना से सोची गयी बात कभी भी पूरी नही होती है।