मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे लेटर में श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन ने एसआई/प्लाटून भर्ती परीक्षा-2021 को निरस्त नहीं कर यथावत रखने की मांग की है। लेटर में लिखा कि एसआई भर्ती-2021 को निरस्त करने की मांग की जा रही है और परीक्षण के लिए कमेटी भी बनाई गई है। अभी तक अवैध तरीके से चयनित 42 प्रशिक्षणार्थी पकड़े गए हैं, जो कुल भर्ती का मात्र 5 फीसदी भी नहीं है।
क्यों की भर्ती परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग?
लेटर में आगे लिखा कि शेष 95 प्रतिशत में से अधिकांश अंतिम चयन से पूर्व किसी न किसी नौकरी में नियोजित थे। इस भर्ती में चयनित होने के कारण वहां से इस्तीफा दे चुके हैं, जहां इन्हें दोबारा से नियोजित नहीं किया जा सकेगा। साथ ही इस भर्ती परीक्षा को हुए 3 साल हो चुके हैं, इस दौरान इन्होंने किसी अन्य नौकरी के लिए भी तैयारी नहीं की है। यदि भर्ती को निरस्त किया जाता है तो चयनित प्रशिक्षुओं के साथ घोर अन्याय होगा। कुछ दोषी लोगों के कारण शेष निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए। मंत्री किरोड़ी मीणा की मांग के खिलाफ क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन
कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा लगातार परीक्षा में धांधली के आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वे पिछले दिनों मुख्यमंत्री के एसीएस से भी मिल चुके हैं। ऐसे में श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन अब किरोड़ी मीणा के मांग के खिलाफ खड़ा हो गया है। साथ ही इस भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने के लिए सीएम से गुहार लगाई है।
6 मंत्रियों की कमेटी करेगी फैसला
बता दें कि राजस्थान सरकार ने एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने या नहीं करने पर फैसला करने के लिए मंगलवार को ही कानून मंत्री जोगाराम पटेल के संयोजन में 6 मंत्रियों की कमेटी गठित की है। हालांकि, जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए समय सीमा तय नहीं की गई है। इस कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री डॉ मंजू बाघमार को सदस्य बनाया गया है।